डाक विभाग ने शारदा सिन्हा की स्मृति में विशेष आवरण लिफाफ और कैंसिलेशन मुहर किया जारी
- Post By Admin on Dec 04 2024

मुजफ्फरपुर : बिहार की लोक गायिका और पद्म भूषण सम्मान प्राप्त शारदा सिन्हा की स्मृति में भारतीय डाक विभाग ने एक विशेष आवरण लिफाफ और कैंसिलेशन मुहर जारी किया है। यह लिफाफ बिहार सर्किल द्वारा बीते 28 नवंबर 2024 को पटना में आयोजित तीन दिवसीय बिहार फिलेटलिक एग्जिबिशन के दौरान जारी किया गया।
इस विशेष आवरण लिफाफ के अग्रभाग पर शारदा सिन्हा के दो अलग-अलग मुद्रा के चित्र प्रकाशित हैं। जिनमें एक हारमोनियम के चित्र के साथ उनके नाम भी अंकित है। इसके साथ ही शारदा सिन्हा के गायन की विशेष मुद्रा और उनके पद्मभूषण सम्मान प्राप्त करने का चित्र भी लिफाफे पर अंकित किया गया है। इसके अलावा इस लिफाफे पर एक विशेष कैंसिलेशन मुहर भी बनाई गई है। जो इस ऐतिहासिक पहल को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
नॉर्थ बिहार फिलेटलिस्ट सोसाइटीज के अध्यक्ष और वरिष्ठ डाक टिकट संग्रहकर्ता आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने बताया कि भारतीय डाक विभाग के ढाई सौ वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी विभूति पर उनके निधन के एक माह के भीतर विशेष आवरण लिफाफ और कैंसिलेशन मुहर जारी किया गया है। इससे पहले देश के किसी भी प्रमुख व्यक्तित्व के लिए इस तरह की तत्परता से डाक टिकट या आवरण लिफाफे की प्रकाशन की कोई मिसाल नहीं थी।
आचार्य पाराशर ने यह भी बताया कि शारदा सिन्हा का जुड़ाव मुजफ्फरपुर जिले से गहरे रूप से था। जहां उनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को कर्जा प्रखंड के मरवान गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी गायन यात्रा की शुरुआत ग्रामीण जीवन के साधारण लोक संगीत से की थी और बाद में उनका गायन पूरे बिहार और भारत में लोकप्रिय हुआ। उनका निधन 5 नवंबर 2024 को कैंसर से संघर्ष करते हुए हुआ।
पटना में आयोजित बिहार फिलेटलिक एग्जिबिशन में उत्तर बिहार से जुड़े ऐतिहासिक स्थल और विभूतियों पर भी विशेष आवरण लिफाफे और कैंसिलेशन मुहर जारी किए गए। इनमें वैशाली स्थित गौतम बुद्ध का अस्थि कलश स्तूप, सहरसा जिले के महिषी ग्राम में आयोजित मंडल मिश्र-शंकराचार्य शास्त्रार्थ और दरभंगा स्थित तारामंडल सह विज्ञान संग्रहालय शामिल हैं। इन सभी विशेष आवरण लिफाफों पर संबंधित स्थलों और घटनाओं से जुड़े चित्र और जानकारी दी गई है जो संग्रहणीय और ज्ञानवर्धक हैं।
इस विशेष आवरण लिफाफ का मूल्य 25 रुपये निर्धारित किया गया है और यह फिलेटलिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण संग्रहणीय वस्तु बन गया है। इस कदम से शारदा सिन्हा के योगदान को न केवल सम्मानित किया गया बल्कि उनके कला और संस्कृति को भी जीवित रखा गया है।
भारतीय डाक विभाग ने शारदा सिन्हा की स्मृति में एक अनोखा कदम उठाया है। जो ना केवल उनकी योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि भारतीय डाक विभाग की इतिहासिक पहल को भी प्रदर्शित करता है। इस विशेष आवरण लिफाफे और कैंसिलेशन मुहर का प्रकाशन डाक और फिलेटलिक समुदाय के लिए एक अनमोल धरोहर बन गई है। जिसे आने वाले वर्षों में संजोकर रखा जाएगा।