सड़क नहीं तो वोट नहीं का बंदरा प्रखंड की जनता ने किया ऐलान

  • Post By Admin on Dec 27 2024
सड़क नहीं तो वोट नहीं का बंदरा प्रखंड की जनता ने किया ऐलान

मुजफ्फरपुर : बंदरा प्रखंड की लाइफलाइन मानी जाने वाली पिलखी हरपुर से तेपरी सैदपुर सड़क के नवनिर्माण को लेकर सड़क निर्माण संघर्ष समिति बंदरा ने बीते गुरुवार को समाहरणालय परिसर में धरना प्रदर्शन और सत्याग्रह का आयोजन किया।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' और 'जिला प्रशासन होश में आओ' जैसे नारे लगाए। समिति के संयोजक और युवा समाजसेवी धीरज कुमार ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सड़क वर्षों से जर्जर हालत में है, जिससे आम लोगों को रोजाना दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। बारिश के मौसम में स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि यह सड़क क्षेत्र के लोगों के लिए मौत का रास्ता बन जाती है।

उन्होंने प्रशासन पर गंभीर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सड़क के निर्माण को लेकर बार-बार आवाज उठाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर विधानसभा चुनाव से पहले इस सड़क का निर्माण नहीं हुआ तो व्यापक स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। समिति ने इस सड़क को तत्काल पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन करने और चौड़ीकरण के साथ पुनर्निर्माण की मांग की है। स्थानीय निवासी और संघर्ष समिति के सदस्य रघुनंदन प्रसाद ने कहा कि यह सड़क पिलखी पुल से हरपुर बांध चौक, पीरापुर, पियर, रामपुरदयाल, रतवारा, महेशपुर होते हुए सैदपुर पूसा पुल तक जाती है। लगभग 10.75 किलोमीटर लंबी यह सड़क बंदरा प्रखंड के कई पंचायतों के लिए जीवनरेखा है। यह न केवल प्रखंड और जिला मुख्यालय, बल्कि अस्पताल, स्कूल-कॉलेज, रेलवे स्टेशन और अन्य जरूरी स्थानों तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता है।

इसके बावजूद प्रशासन की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण है। धरना स्थल पर समिति के सदस्य डॉ. श्यामकिशोर, किसान नेता रघुनंदन प्रसाद सिंह उर्फ अमर बाबू, धनंजय व्यास, सुबोध कुमार, जनार्दन प्रसाद ठाकुर, फनीश कुमार, अवनीश कुमार और संतोष कुमार ने भी अपनी बात रखी। इस मौके पर सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे, जिन्होंने एकजुट होकर प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की। जिलाधिकारी सहित तमाम अधिकारी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण प्रदर्शनकारियों का मांग पत्र स्थापना विभाग को सौंपा गया। हालांकि, जिलाधिकारी ने समिति के पांच सदस्यों को आगामी शनिवार को अपने कार्यालय में बुलाकर समस्या पर चर्चा करने का आश्वासन दिया है।