चिकित्सकों की हड़ताल से दूसरे दिन भी मरीज बेहाल, अस्पताल में इलाज ठप

  • Post By Admin on Mar 28 2025
चिकित्सकों की हड़ताल से दूसरे दिन भी मरीज बेहाल, अस्पताल में इलाज ठप

लखीसराय : जिले के सदर अस्पताल में चिकित्सकों की तीन दिवसीय हड़ताल का असर दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण मरीजों और उनके परिजनों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है।

इलाज की आस में पहुंचे मरीजों को निराशा

सुबह से ही बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचे और ओपीडी खुलने का इंतजार करने लगे। लेकिन जब पता चला कि चिकित्सकों की हड़ताल अभी भी जारी है, तो उनकी उम्मीदें टूट गईं। खासकर दूर-दराज से आए मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

नया बाजार के रहने वाले सूरज साव ने बताया, "मुझे कल शाम से तेज बुखार था, सोचा था कि सुबह अस्पताल में इलाज करा लूंगा, लेकिन यहां तो डॉक्टर ही नहीं हैं। अब मजबूरी में प्राइवेट क्लिनिक जाना पड़ेगा, जहां ज्यादा पैसे लगेंगे।" रामनगर निवासी बबीता देवी, जो मधुमेह की मरीज हैं, ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "मेरा शुगर लेवल काफी बढ़ गया है। कल भी अस्पताल आई थी, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिला। आज फिर आई थी, लेकिन फिर भी इलाज नहीं हुआ। अब प्राइवेट डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा।"

अस्पताल प्रशासन की उदासीनता, मरीजों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं

हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से इलाज कराने की अपील की, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

इस हड़ताल का असर ओपीडी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जरूरी जांच और दवाओं के लिए मरीजों के परिजन डॉक्टरों का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

क्या है चिकित्सकों की हड़ताल की वजह?

बताया जा रहा है कि चिकित्सक संघ ने अपनी मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल बुलाई है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखेंगे। हालांकि, इस हड़ताल का सबसे ज्यादा खामियाजा आम मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

प्रशासन की चुप्पी से बढ़ रही मरीजों की परेशानी

अस्पताल में अव्यवस्था और इलाज ठप होने के कारण मरीजों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कई मरीजों ने प्रशासन से जल्द से जल्द समाधान निकालने की अपील की है, ताकि उन्हें समय पर इलाज मिल सके।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर समस्या का हल निकालने के लिए क्या कदम उठाता है और मरीजों को राहत कब तक मिलती है।