नाट्य कला कार्यशाला का आयोजन, रचनात्मकता में आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर

  • Post By Admin on Sep 16 2024
नाट्य कला कार्यशाला का आयोजन, रचनात्मकता में आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर

लखीसराय : जिला समाहरणालय के समीप स्थित खेल भवन में सोमवार को नाट्य कला की प्रस्तुति के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी मृणाल रंजन द्वारा किया गया, जबकि कार्यशाला का नेतृत्व बेगूसराय के कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्याम सहनी ने किया। श्री सहनी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पूर्व छात्र और एक अनुभवी रंगकर्मी हैं।

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को रंगमंच के बुनियादी सिद्धांतों और तकनीकों से अवगत कराया गया। श्याम सहनी ने थिएटर गेम्स, एकाग्रता, कल्पनाशक्ति, विश्राम, नवरस की अवधारणा और अभिनय की बारीकियों पर गहराई से चर्चा की। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को थिएटर की तकनीकी और रचनात्मकता से परिचित कराना था।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित अपर समाहर्ता सुधांशु शेखर ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि कलाकार के जीवन में आध्यात्मिकता का गहरा महत्व होता है, जो उन्हें सृजनात्मकता की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होती है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कला एवं संस्कृति के प्रति अपने समर्पण को बनाए रखने का आग्रह किया। 

सुधांशु शेखर ने श्याम सहनी को स्मृति चिह्न भेंट किया और उनकी कला की प्रशंसा करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से लखीसराय में रंगमंच और कला के प्रति नए उत्साह का संचार हुआ है, जो क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा।

कार्यशाला के प्रतिभागियों ने इसे एक प्रेरणादायक अनुभव बताया और भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की माँग की।