वैदिक गणित और इसके अनुप्रयोग विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित
- Post By Admin on Sep 27 2024

मुजफ्फरपुर : आर.डी.एस. कॉलेज के स्नातकोत्तर गणित विभाग द्वारा "वैदिक गणित और इसके अनुप्रयोग" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय गणित विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. एस.के. शुक्ला ने वैदिक गणित की महत्ता और उसके अनुप्रयोगों पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि वैदिक गणित भारतीय ज्ञान-विज्ञान की बौद्धिक विरासत है और इसके 16 सूत्र, जिन्हें जगदगुरु शंकराचार्य भारती कृष्ण तीर्थ महाराज ने वेदों के अनुसंधान से निकाला, आधुनिक गणित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे अंकगणित, बीजगणित, त्रिकोणमिति, कैलकुलस, और कंप्यूटर विज्ञान में अत्यधिक उपयोगी हैं।
डॉ. शुक्ला ने सेमिनार को पीपीटी के माध्यम से इंटरएक्टिव और आकर्षक बनाते हुए, जटिल गणितीय समस्याओं को सरल और तेज़ी से हल करने के लिए व्यावहारिक उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए वैदिक गणित की सरलता और प्रभावशीलता पर ज़ोर दिया।
सेमिनार के मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने वैदिक गणित को मानसिक गणना की एक प्रभावी प्रणाली बताया, जो एकाग्रता और समस्या समाधान क्षमताओं को बेहतर बनाने में मदद करती है। उन्होंने इसके मूल तत्व—सरलता, रचनात्मकता, तीव्रता और सटीकता—पर प्रकाश डाला।
सेमिनार की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने कॉलेज में वैदिक गणित पर आयोजित इस सेमिनार की सराहना की और कहा कि इस कार्यक्रम से छात्रों को गणितीय समस्याओं को हल करने में काफी लाभ हुआ। उन्होंने मुख्य वक्ता, मुख्य अतिथि और गणित विभाग के शिक्षकों का आभार व्यक्त किया।
गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिनेश तिवारी ने विषय का परिचय कराते हुए अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन डॉ. के. वंदना ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. भोला महाली ने दिया।
इस सेमिनार में गणित विभाग के कई प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं मौजूद थे, जिनमें डॉ. रमेश कुमार गुप्ता, डॉ. सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. आनंद प्रकाश दुबे, डॉ. सौरभ राज, डॉ. रजनीकांत पांडे, डॉ. आशुतोष मिश्रा, डॉ. जयदीप घोष, डॉ. ललित किशोर, डॉ. प्रबाल चटर्जी, डॉ. गणेश कुमार शर्मा, डॉ. मीनू कुमारी, डॉ. मनीष कुमार शर्मा, डॉ. अंजनी शुक्ला और डॉ. संजय चौधरी प्रमुख थे।