नक्सली इलाकों में शांति के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की अनोखी पहल

  • Post By Admin on May 19 2023
नक्सली इलाकों में शांति के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की अनोखी पहल

मुजफ्फरपुर : ग्राम स्वराज भवन, जनपद कार्यालय के पास, गीदम जिला दंतेवाड़ा में सुख-शांति कैसे आए इस पर एक चैकले मांदी (सुख शांति) के लिए बैठक रखी गयी।

सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक लोक कलाकार सुनील कुमार ने बापू के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम..पतित पावन सीता राम.. ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान, शांति गीत शांति का वाद्य बना दे मुझे प्रभु शांति का वाद्य बना दे मुझे, ये वक्त की आवाज हैं मिल के चलो, ये जिंदगी का राज हैं मिल के चलो, विश्व शांति के लिए जिएंगे हम ... विश्व शांति के लिए मरेंगे हम गाकर बैठक का शुभारंभ किया।

लोक कलाकार सुनील कुमार ने बताया कि स्थानीय गोंडी भाषा के शब्द चैकले मांदी का अर्थ है सुख शांति के लिए बैठक। इन बैठकों में नई शांति प्रक्रिया से जुड़े लोग स्थानीय लोगों से उनके सुख-दुःख के बारे में चर्चा कर रहे हैं। वे शांति के गीत गाते हैं, नाटक कर रहे हैं और उनको यह भी बता रहे हैं कि दुनिया के और हिस्सों में शांति कैसे आई।

नक्सल एक्सपर्ट पत्रकार एवं नई शांति प्रक्रिया के संयोजक शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि बस्तर में 40 से अधिक सालों से चल रही हिंसा की समस्या का हल निकालने के लिए यह एक अभूतपूर्व समय है। बेकार की हिंसा बंद हो और बस्तर की जनता चैन की साँस ले सके। इस अशांति को लेकर ऐसा लगता है कि यहाँ भी चुप्पी तोड़ने का समय है।

शांति बैठक में छह राज्यों के सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी (रायपुर) छत्तीसगढ़, मुजफ्फरपुर बिहार के लोक कलाकार सुनील कुमार, राजमन नेताम कोंडागांव, तेसिला नेताम कोंडागांव, मध्यप्रदेश के नंदू उईके, सोनू इवने, महेंद्र, शिव प्रसाद (हरदा), महेंद्र कुम्हरे (चंद्रपुर) महाराष्ट्र, माडवी मुड़े अल्लुरी सीता रामा राज, आंध्रप्रदेश, रश्मिता माड़ी मलकानगिरी (ओड़ीसा) मुख्य रूप से मौजूद थे।