नटवर साहित्य परिषद का साहित्यिक जगत में छाई रचनाओं की धूम
- Post By Admin on Dec 30 2024

मुजफ्फरपुर : शहर के नवयुवक समिति ट्रस्ट के सभागार में बीते रविवार को नटवर साहित्य परिषद की ओर से मासिक कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया। इस साहित्यिक आयोजन में शहरभर के साहित्यप्रेमियों और शायरों ने अपनी कविताओं और शेरों के जरिए नववर्ष की शुभकामनाएं और विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय प्रस्तुत की। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार डॉ. संगीता सागर ने की।
मंच संचालन वरिष्ठ शायर महफूज आरिफ ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन नटवर साहित्य परिषद के संयोजक डॉ. नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी ने किया। इस अवसर पर सागर और आरिफ के निर्देशन में शायरों और कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के गीत से हुई। इसके बाद वरिष्ठ कवि डॉ. विजय शंकर मिश्र ने अपनी कविता “हम न रहेंगे तुम न रहोगे, कर्मों का संगीत रहेगा” से माहौल को भावुक बना दिया। शायर डॉ. नर्मदेश्वर मुजफ्फरपुरी ने “खेतों में, जूझते किसान को क्या पता, कैसा होता है नववर्ष?” पेश किया, जो श्रोताओं के दिलों में गहरी छाप छोड़ गया।
डॉ. हरि किशोर प्र. सिंह ने “घर आंगन गली-गली में शोर हो गया…” और शायर महफूज आरिफ ने “फिर नया साल का सूरज, आपकी जिन्दगी करे रौशन…” जैसी रचनाएं प्रस्तुत की। अन्य कवियों में अंजनी कुमार पाठक, प्रमोद नारायण मिश्र, डॉ. जगदीश शर्मा, अशोक भारती, सत्येन्द्र कुमार सत्येन, उषा किरण श्रीवास्तव, डॉ. संगीता सागर, अरुण कुमार तुलसी और सुमन कुमार मिश्र ने अपनी काव्य रचनाओं से श्रोताओं का दिल जीत लिया। इस कार्यक्रम में नरेन्द्र मिश्र, मोहन कुमार सिंह, ओमप्रकाश गुप्ता, अचानक ईश्वर, उमेश राज, सदैव सौरभ, विवेक कुमार सिंह, राजीवेन्द्र किशोर, मुन्नी चौधरी, चिराग पोद्दार, निशांत पप्पू, सुरेन्द्र कुमार और रणवीर अभिमन्यू की रचनाओं को भी सराहा गया। इन कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जीवन, समाज और प्रेम जैसे विषयों पर गहरे विचार व्यक्त किए।