रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय में प्रेमचंद की 144वीं जयंती पर विशेष आयोजन

  • Post By Admin on Jul 31 2024
रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय में प्रेमचंद की 144वीं जयंती पर विशेष आयोजन

मुजफ्फरपुर : बुधवार को रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय में कालजयी साहित्यकार प्रेमचंद की 144वीं जयंती के अवसर पर 'एकल व्याख्यान' और 'संभाषण प्रतियोगिता' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय की CCDC, डॉ. मधु सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। प्राचार्या डॉ. ममता रानी ने पौधा भेंटकर उनका सम्मान किया।

डॉ. मधु सिंह ने अपने उद्बोधन में छात्राओं को प्रेमचंद के साहित्य को पढ़ने और उसे आत्मसात करने की प्रेरणा दी। हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ. हेमा ने अपने व्याख्यान में कहा, "प्रेमचंद भारतीय साहित्य के ऐसे साधक हैं जिन्होंने आजीवन भारतीय जीवन की आशाओं, सपनों, संभावनाओं और दुर्बलताओं को अपनी वाणी दी। उनका साहित्य भारतीय समाज, संस्कृति और सभ्यता का दर्पण है।"

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डॉ. ममता रानी ने प्रेमचंद की प्रमुख रचनाओं जैसे 'गोदान', 'कफन', 'ठाकुर का कुआं', 'गबन', 'सेवासदन', 'कर्मभूमि' आदि पर परिचर्चा की। उन्होंने उनके कथानक की प्रासंगिकता बताते हुए कहा, "प्रेमचंद कालजयी रचनाकार हैं। उनका साहित्य आज भी जन-जन के हृदय को छूता है और सदैव प्रासंगिक रहेगा।"

कार्यक्रम का दूसरा सत्र छात्राओं की संभाषण प्रतियोगिता का था, जिसमें दस छात्राओं ने 'प्रेमचंद: व्यक्तित्व एवं कृतित्व' विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। शिल्पी कुमारी झा, रक्षा, और सगुफ्ता प्रवीण ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, और तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेता छात्राओं को प्रेमचंद के उपन्यास 'कर्मभूमि', 'गबन', और 'निर्मला' देकर सम्मानित किया गया। अन्य प्रतिभागी छात्राओं - रानी, मुस्कान, प्रियांशु, आरती, प्राची, पूजा, मनीषा, रागिनी, सौम्या, और विभा को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप कलम प्रदान किया गया।

मंच संचालन डॉ. अनुपम और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रियंका कुमारी ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, जिनमें डॉ. रेणुबाला, डॉ. नूपुर वर्मा, डॉ. अंकिता, डॉ. अंजलि चंद्रा, डॉ. अंजू, डॉ. अफरोज, डॉ. अशोक निगम, और डॉ. राकेश रंजन शामिल थे, उपस्थित रहे। शिक्षकेतर कर्मचारी बड़े बाबू संजय सिंह, ऋषिकेश, जयचंद आदि ने भी अपनी उपस्थिति और सहभागिता से कार्यक्रम को सफल बनाया। इस कार्यक्रम में हिंदी की लगभग 150 छात्राएं शामिल हुईं।