समाज सेवा और कठपुतली कला से जननायिका सरला श्रीवास ने लोगों के हृदय में छोड़ी अमिट छाप
- Post By Admin on May 28 2024

मुजफ्फरपुर : सामाजिक कार्यों से लेकर समाज सुधार आंदोलन में अपने जीवन को समर्पित करने वाली सामाजिक सांस्कृतिक योद्धा, राष्ट्रीय स्तर की समाजसेवी, लोक नायिका, स्त्री रत्न के रूप में सुप्रसिद्ध, सांस्कृतिक राजदूत सरला श्रीवास आत्मविश्वास को जिंदगी के खूबसूरत श्रृंगार के रुप में अपने जीवन में उतारते हुए देश में सुख शांति के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में पद यात्रा से लेकर साईकिल यात्रा करने के साथ ही सीजी नेट जन पत्रकारिता जागरूकता अभियान से जुड़ कर भारत देश के मीडिया डार्क जोन नक्सल प्रभावित इलाकों में भ्रमण कर लोगों की समस्याओं को समझी और सूचना क्रांति के मदद से गरीब, बेसहारों की जिंदगी में खुशियों के दीपक जलाने का कार्य करने वाली जननायिका सरला श्रीवास जिन्होंने अपने कठपुतली कला से आम अवाम को जोड़ा, सामाजिक सांस्कृतिक कार्य करते हुए गाँधीयन संस्था एकता परिषद से जुड़ कर आदिवासी समाज के लिए जल जंगल जमीन के लिए संघर्ष करते हुए आदिवासी भाई बहनों को जमीन के पट्टा दिलाने का कार्य की। जन नायिका सरला श्रीवास का कहना था भाषा इतिहास, संस्कृति और परंपराओं की वाहक होती है यदि हम सफलतापूर्वक प्रकृति को बचाना चाहते हैं तो देशज लोगों को उनकी भाषा में ही सुनना होगा। इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए देशज भाषाओं को बचाने के लिए सी जी नेट स्वर फाउंडेशन के सहयोग से देहाती बुल्टु रेडियो की स्थापना की।
हंसराम कौशिक एवं अनुसुइया कौशिक की सुपुत्री सरला श्रीवास का जन्म 14 अगस्त 1986 को नाई परिवार में चीचगांव, बालाघाट, मध्यप्रदेश में हुआ। जन्म के कुछ ही समय बाद पलायन कर मध्यप्रदेश के रामहेपुर, बैहर, बालाघाट चले गए। कम उम्र में ही अपने समाजिक कार्य कर गृह जिला बालाघाट मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध हो गई। कहा जाता है कलाकार बनते बनते मनुष्य बेहतर इंसान बन जाते हैं। 34 वर्ष की युवा अवस्था में इस देश दुनिया को अलविदा कहने वाली सरला श्रीवास 21 मार्च विश्व कठपुतली दिवस के रात में अंतिम सांसे ली। देश समाज में कम समय में किए गए सरला श्रीवास के कार्य लोगों के जुबान पर आज भी है। जिला ही नहीं जापान तक चाहने वाले लोगों ने शोक व्यक्त किया।
आज उनके नाम पर सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान, सरला श्रीवास युवा मंडल, सरला श्रीवास सोशल कल्चरल रिसर्च फाउंडेशन जन नायिका सरला श्रीवास के विचारधारा पर चलकर कार्य कर रही हैं। जिसमें विलुप्त हो रहे कठपुतली कला के माध्यम से जन जागरूकता, पुरखा पुरनिया संवाद सह सम्मान कार्यक्रम, युवा सम्मान ऐसे दर्जनों कार्यक्रम सामाजिक सहयोग से चलाया जा रहा है। 2024 में विश्व सामाजिक मंच wsf के कार्यक्रम में सरला श्रीवास के हाथों बनाए गए कठपुतली काठमांडू नेपाल में 92 देशों के प्रतिनिधि के बीच लोकप्रियता हासिल की।