विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण भारती का संदेश - धरती बचानी है तो वृक्ष लगाना होगा
- Post By Admin on Apr 22 2025

पटना : विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण भारती के तत्वावधान में पटना महानगर के राजेन्द्र नगर स्थित शाखा मैदान परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आम, सहजन, अर्जुन, नीम और छायादार सप्तपर्णी जैसे 10 फलदार और औषधीय पौधे रोपे गए। कार्यक्रम का नेतृत्व पेड़ उपक्रम प्रमुख हिमालय ने किया, जबकि पर्यावरण प्रहरी सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने सक्रिय सहयोग दिया।
धरती माता के सम्मान में लगाया गया हर पौधा
पर्यावरण भारती के संस्थापक और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक राम बिलास शाण्डिल्य ने इस अवसर पर कहा कि पृथ्वी हमारी माता हैं और उन्हें संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने ऋग्वेद का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक वृक्षों को बचाया नहीं जाएगा, तब तक जलवायु परिवर्तन की समस्याएं और भी गंभीर होती जाएंगी। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग, ग्लेशियर के पिघलने और समुद्र स्तर में वृद्धि जैसे खतरों की ओर ध्यान दिलाया।
ठनका, भूस्खलन और भूकंप—प्राकृतिक आपदाओं के पीछे बिगड़ता पर्यावरण संतुलन
शाण्डिल्य ने कहा कि बिहार में आकाशीय बिजली (ठनका) से हो रही मौतें, जम्मू कश्मीर में बादल फटना, और अन्य आपदाएं जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वृक्षारोपण ही इन आपदाओं से बचाव का एकमात्र विकल्प है।
"धरती को रखना हरा-भरा, यह जीवन धर्म हमारा"
तिरहुत प्रमंडल की चिकित्सा पदाधिकारी और पर्यावरण नारी शक्ति प्रांत टोली की सदस्य डॉक्टर सरिता शंकर ने कहा कि हर व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए, क्योंकि पेड़ से ही हमें जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
प्लास्टिक को बताया पृथ्वी के लिए अभिशाप
बिहार-झारखंड के वरिष्ठ पर्यावरणविद नवल प्रसाद ने कहा कि प्लास्टिक और पोलिथीन पृथ्वी के लिए अभिशाप हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि सब्जी खरीदते समय कपड़े का थैला साथ रखें, और "इको ब्रिक्स" जैसे नवाचारों से प्लास्टिक का पुनः उपयोग करें।
पर्यावरण बचाने के लिए छोटे प्रयासों की जरूरत
कार्यक्रम में डॉक्टर सरिता शंकर, नवल प्रसाद, हिमालय, राम बिलास शाण्डिल्य, बैंककर्मी विनोद साह, नीरज नयन, अविनाश कुमार, अंकित कुमार, अक्षत, दीपक आदि शामिल हुए। सभी ने संकल्प लिया कि वे पर्यावरण की रक्षा हेतु निरंतर कार्य करते रहेंगे।