कवि ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर स्मृति पर्व आयोजित
- Post By Admin on Dec 19 2024

मुजफ्फरपुर : जिले के आमगोला स्थित शुभानंदी में कविवर ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह स्मृति पर्व के अवसर पर डॉ. संजय पंकज ने उनके बहुआयामी व्यक्तित्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह न केवल एक कवि, बल्कि एक समाजसेवी, ओजस्वी वक्ता और शिक्षक भी थे। उनका साहित्य जीवन, समाज, राष्ट्र और संस्कृति के मूल्यों से प्रेरित था। वे समाजवादी विचारधारा के समर्थक थे। जिनके काव्य में राष्ट्र, समाज और भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
डॉ. संजय पंकज ने उनके काव्य में भाव वैभव, भाषा सौंदर्य और मानवीय मूल्यों के समावेश को उल्लेखित करते हुए कहा कि उनका साहित्य सहज रूप से यायावरी प्रवृत्ति से भरा हुआ था। जो देश दर्शन और परंपरा की गहरी समझ को दर्शाता था।
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ कवि शुभ नारायण शुभंकर ने ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह की शख्सियत को सम्मानित करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक था। राजनीति में रहते हुए भी उन्होंने साहित्य की संवेदना को बनाए रखा। उनका जीवन निडरता, इमानदारी, और पराक्रम का प्रतीक था और वे एक उत्कृष्ट रचनाकार थे।
स्वागत संबोधन में डॉ. केशव किशोर कनक ने कहा कि ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह मेरे पिता थे लेकिन उनके प्रति लोगों का सम्मान मेरे लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहा। वहीं डॉ. अनु और डॉ. सोनी सुमन ने ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह के साथ अपने संबंधों को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बताया।
कार्यक्रम में कवि श्यामल श्रीवास्तव ने ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह के काव्य में प्रेम और पराक्रम का समावेश होने की बात की और स्त्री विमर्श पर केंद्रित कविता प्रस्तुत की। उन्होंने “स्त्री हठात नहीं तोड़ती, परंपराओं की मर्यादा, धरती की तरह सहनशील होती है स्त्री” पंक्तियों के माध्यम से स्त्री विमर्श का नया पहलू उजागर किया।
डॉ. अनु ने प्रेम के स्वर में गीत प्रस्तुत करते हुए माहौल को भावुक कर दिया। जबकि प्रो. सोनी ने गांधी दर्शन पर आधारित गीत से ऐतिहासिक संदर्भों को उजागर किया। आलोक कुमार, अविनाश तिरंगा, प्रणय कुमार, राकेश कुमार, ब्रजभूषण शर्मा, अनिल कुमार, समीर कुमार, प्रकाश कुमार, अनुराग आनंद, कृशानु, विभु कुमारी, माला कुमारी और पूजा कुमारी जैसे कई प्रमुख साहित्यकारों और कवियों ने अपने काव्य पाठ से कार्यक्रम को समृद्ध किया।
कार्यक्रम का समापन संजय पंकज द्वारा संचालन और केशव किशोर कनक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस आयोजन के माध्यम से ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह के साहित्यिक योगदान और उनके जीवन के आदर्शों को याद किया गया और यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।