अतिथि सहायक प्राध्यापकों का नियमितीकरण आंदोलन, 6-7 मार्च को महाधरना
- Post By Admin on Feb 24 2025
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पटना : बिहार के अतिथि सहायक प्राध्यापक अपने सेवा नियमितीकरण को लेकर एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं। इसको लेकर 6-7 मार्च को पटना में दो दिवसीय महाधरना आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से बड़ी संख्या में प्राध्यापक शामिल होंगे।
बैठक में लिए गए अहम निर्णय
पटना में आयोजित बैठक में संघ के अध्यक्ष डॉ. ललित किशोर ने बताया कि धरना को सफल बनाने के लिए कॉलेज स्तर पर कमेटी बनाई गई है। इसके अलावा, हर जिले के कॉलेजों में जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, ताकि आंदोलन को मजबूती मिले।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अतिथि सहायक प्राध्यापक पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण सेवा दे रहे हैं। इनकी नियुक्ति यूजीसी मानदंडों के अनुरूप उसी प्रक्रिया से हुई है, जिससे बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। अतः सरकार को सहानुभूतिपूर्वक इनकी मांगों पर विचार कर सेवा नियमितीकरण सुनिश्चित करना चाहिए।
राजनीतिक समर्थन जुटाने की तैयारी
धरना की सफलता के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों से संपर्क साधा जाएगा। संघ का कहना है कि अतिथि प्राध्यापकों की मांग जायज है और राज्य सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना चाहिए।
बैठक में शामिल प्रमुख सदस्य
इस महत्वपूर्ण बैठक में संघ के डॉ. राघव कुमार, डॉ. नितेश कुमार, डॉ. सर्वेश्वर कुमार सिंह, डॉ. रंजीत कुमार, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. राकेश रंजन, डॉ. संजय कुमार यादव, डॉ. पूजा शेखर, डॉ. मीनू कुमारी, डॉ. रवि भूषण सिंह, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. शांतनु सौरभ, डॉ. राजेश्वर राय, डॉ. परमानंद लाल, डॉ. रामकृष्ण, डॉ. मयंक मौसम, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. दिगंबर झा, डॉ. दीपक कुमार रजक समेत कई अन्य प्राध्यापक उपस्थित थे।
अतिथि सहायक प्राध्यापकों का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है। अब देखना यह होगा कि सरकार उनकी मांगों पर क्या रुख अपनाती है।