जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में कवि गोष्ठी आयोजित

  • Post By Admin on Dec 30 2024
जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में कवि गोष्ठी आयोजित

लखीसराय : जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय के तत्वावधान में रविवार को एक निजी सभागार में परिचर्चा सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्मेलन के उपाध्यक्ष सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने की। गोष्ठी में साहित्यकारों और कवियों ने अपने विचार और रचनाओं के माध्यम से समाज, देश और समकालीन मुद्दों पर अपनी अभिव्यक्ति की।

कार्यक्रम में कवियों ने अपनी रचनाओं से समाज की कुरीतियों, सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। शिवदानी सिंह बच्चन ने अपनी रचना "महंगी है मारा हैय और है निठल्ला" के माध्यम से झूठ और असमानता पर कटाक्ष किया। सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की रचना "नव वर्ष का शीघ्र ही आगाज है, विगत उपलब्धियों का अंबार है" ने उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश दिया। मुंद्रिका सिंह ने "आधी दुनिया में आग लागल हो, खैर मनाबो यहां मोदी हो" के जरिए सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार रखे, जबकि भोला पंडित की "हर घर में नारी के तन पर पहचान हो आंचल" ने नारी सम्मान की आवाज बुलंद की। भगवान राय राही ने "खानपान में परहेज करो, तुलसी और नीम पत्ता के जलपान करो" से स्वास्थ्य और पारंपरिक जीवनशैली पर जोर दिया। राजकुमार की रचना "प्यारा प्यारा न्यारा न्यारा है हिंदुस्तान" ने देशभक्ति की भावना को प्रकट किया।

वहीं, रोहित कुमार ने "ईश्वर की दी हुई माटी से एक माटी ने कुछ इस तरह लिया बदला" के माध्यम से मेहनत और संघर्ष की गाथा प्रस्तुत की। इस अवसर पर अरविंद कुमार भारती, योग शिक्षक ज्वाला, एडवोकेट प्रकाश सिंह, एडवोकेट शिवदानी सिंह बच्चन और देवेंद्र सिंह आजाद ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कार्यक्रम में प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती ने पत्रिका "नवल कंठ" की आगामी प्रकाशन योजना पर चर्चा की और सभी कवियों से रचनाएं आमंत्रित की। उन्होंने कहा कि इस पत्रिका के माध्यम से क्षेत्रीय साहित्य को प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव देवेंद्र सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मुंद्रिका प्रसाद सिंह ने किया। यह आयोजन साहित्यकारों और कवियों के लिए एक सशक्त मंच साबित हुआ, जिसमें समाज, देश और साहित्य के प्रति उनके विचारों को साझा करने का अवसर मिला।