जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा कवि गोष्ठी का आयोजन

  • Post By Admin on Jun 30 2024
जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा कवि गोष्ठी का आयोजन

लखीसराय : रविवार को स्थानीय प्रभात चौक स्थित होटल भारती के सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय के तत्वावधान में आयोजित कवि गोष्ठी की अध्यक्षता उपाध्यक्ष रामबालक सिंह ने किया और संचालन सचिव देवेंद्र सिंह आजाद ने किया। जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती के द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया गया।

सभी कवियों ने देश और समाज की स्थिति के बारे में अपने-अपने ढंग से वर्णन किया और सामाजिक कुरीतियों को उजागर करने का प्रयास किया। रामबालक सिंह की कविता 'कैसन भेल जमाना भैया, कैसन भेल जमाना, माउग मर्द एक्के थाली में खाए बैठके खाना' सुनाते हुए समाज के बदलते परिदृश्य पर कटाक्ष किया। वहीं, देवेंद्र सिंह आजाद की कविता 'आओ अब तुम्हें हम अपना गांव दिखाएं, जहां बस्ती देश की आत्मा वहां हम ले जाएं' कहकर शहरों के प्रदूषण से गांव के खुली हवा में वापसी की ओर ध्यान खींचा।

जबकि भगवान राय राही की कविता 'धूप में धरती जब खूब तपो है, पानी भी धरती से दूर भागो है' सुनाते हुए गहराते भूगर्भ जलस्तर में कमी पर चोट किया है। शंभू लाल शर्मा पंकज की कविता 'ना जैबो काशी और काबा, हम दु गो पेड़वा लगैबो हो बाबा' प्रस्तुत करते हुए वृक्षारोपण को प्रेरित किया। जीवन पासवान ने दलबदलू नेताओं पर प्रहार करते हुए कविता का पाठ करते हुए कहा कि 'थुक थुक कर चाटना चाट चाट कर थूकना नेताओं की शान बन गई है।' अरविंद कुमार भारती ने अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए आह्वान किया कि 'अपनों हृदय के साफ करो, छोटका के गलती माफ करो।'

बलजीत कुमार ने कहा कि खराब समय में अपना परिवार भी पहचानने से इनकार करता है। शिवदानी सिंह बच्चन ने काव्य-पाठ करते हुए कहा कि 'गरम है धरती लागल है आग, दुनिया में है भागम भाग।' राजेश्वरी प्रसाद सिंह ने कहा 'हम अपने शहर का स्वभाव बदलने आए हैं, धूप से सहमे जीवन का छांव बदलने आए हैं।' प्रोफेसर मनोरंजन कुमार ने अपनी रचना का सस्वर पाठ करते हुए कहा कि 'कठिन डगर पर चल सकते जो सहचर तेरे संग रहे, अब ऐसा ना हो सकता है ना सोच सका क्यों भूल गए।' धनेश्वर पंडित ने मौके पर राम आरती सुनाया जिसको काफी सराहा गया। इसके अलावा राजकुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि टी 20 हम जीत गए। इस अवसर पर सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने हिंदी की महत्ता पर विचार प्रकट किया।

पेंशनर समाज के सचिव गणेश शंकर सिंह ने आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। मौके पर नवलकंठ पत्रिका के संपादन पर राजेश्वरी प्रसाद सिंह के द्वारा विचार विमर्श किया गया। अरविंद कुमार भारती प्रबंध संपादक नवल कंठ ने बताया कि 15 जुलाई तक सभी अपनी अपनी रचनाएं उपलब्ध करा दें ताकि पत्रिका का संपादन शीघ्र किया जा सके।