कठुआ त्रासदी : मृतकों के परिजनों को 2 लाख, घायलों और क्षतिग्रस्त घरों पर भी मुआवजे की घोषणा 

  • Post By Admin on Aug 17 2025
कठुआ त्रासदी : मृतकों के परिजनों को 2 लाख, घायलों और क्षतिग्रस्त घरों पर भी मुआवजे की घोषणा 

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हाल ही में बादल फटने से मची तबाही को लेकर सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। इस आपदा में अपनी जान गंवाने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख और मामूली घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए कहा कि मुआवजा केवल जीवन की क्षति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि घरों को हुए नुकसान के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। पूरी तरह ध्वस्त हो चुके मकानों के लिए 1 लाख रुपए, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50 हजार रुपए और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। सीएमओ ने स्पष्ट किया कि यह राशि एसडीआरएफ सहायता से अलग होगी और मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने और उन्हें फिर से खड़ा होने का अवसर प्रदान करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आपदा से प्रभावित हर परिवार को सरकार की ओर से हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

इस बीच, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ आपदा के हालातों पर लगातार नजर बनाए रखी है। उन्होंने बताया कि घायलों को सुरक्षित और शीघ्र अस्पताल पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का सहारा लिया गया। उनके मुताबिक, अब तक छह गंभीर घायलों को पठानकोट के मामून सैन्य अस्पताल में एयरलिफ्ट कर भर्ती कराया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “पुलिस उपमहानिरीक्षक शिव कुमार शर्मा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर मौजूद हैं और लगातार मेरे संपर्क में हैं। यदि आगे अतिरिक्त सहायता की जरूरत पड़ी तो उसे तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा।”

कठुआ आपदा के बाद भारतीय सेना भी राहत और बचाव कार्य में सक्रिय हो गई है। राइजिंग स्टार कोर की टुकड़ियां घटनास्थल पर पहुंचकर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावित परिवारों को बचा रही हैं। सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम पीड़ित परिवारों को सुरक्षित आश्रय, भोजन और देखभाल उपलब्ध करा रहे हैं ताकि वे इस कठिन घड़ी में उम्मीद बनाए रख सकें।”

स्थानीय लोगों के मुताबिक, बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने कई घरों और खेतों को नुकसान पहुंचाया है। लोग अब भी दहशत में हैं और प्रशासन से जल्द से जल्द पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। प्रशासनिक अमला प्रभावित क्षेत्रों में डेरा डाले हुए है और हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।