मुजफ्फरपुर में जन आंदोलनों और राजनीतिक दलों की संयुक्त गोष्ठी संपन्न
- Post By Admin on Jul 18 2024

मुजफ्फरपुर: बीते बुधवार को अपराह्न में विश्व विभूति पुस्तकालय, कच्ची पक्की, मुजफ्फरपुर में जिले के जन आंदोलनों, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जन संगठनों एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं की एक संयुक्त गोष्ठी बिहार शोध संवाद के तत्वावधान में संपन्न हुई। इस गोष्ठी की अध्यक्षता सीपीआई (माले) के जिला सचिव कृष्णमोहन और संचालन शाहिद कमाल ने किया।
फासीवादी रवैया और आम जनता की बदहाली पर चर्चा
गोष्ठी की शुरुआत जनवादी गीतकार बी.प्रशांत के गीत "चलो जिंदगी के गीत" से हुई, जिसे सुनील सरला ने अपने सुरों में गाया। गोष्ठी का विषय प्रवेश करते हुए बिहार शोध संवाद के अध्यक्ष, पर्यावरणविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता अनिल प्रकाश ने कहा कि देश को विखंडन से बचाने और उत्पीड़ित जनता के संघर्षों को मजबूत करने के लिए तमाम जनपक्षीय राजनीतिक दलों को मिलजुलकर काम करने की आवश्यकता है।
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरविंद मुकुल ने इस एकता की पहल का पूरा समर्थन देने का वचन दिया। बागमती बचाओ अभियान के संयोजक जितेंद्र यादव ने बागमती परियोजना को अवैज्ञानिक और विनाशकारी बताया और कहा कि जनता जान देकर भी विनाशकारी तटबंध का निर्माण नहीं होने देगी। सामाजिक कार्यकर्ता मुक्तेश्वर सिंह मुकेश ने बढ़ते भ्रष्टाचार, जल, जंगल, जमीन के दोहन पर चिंता जाहिर की।
वैचारिक प्रशिक्षण और सांस्कृतिक गिरावट पर चर्चा
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता आनंद पटेल ने राजनीतिक पार्टियों और जन संगठनों के कार्यकर्ताओं के वैचारिक प्रशिक्षण का प्रस्ताव रखा। जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के संस्कृतिकर्मी बैजू कुमार ने सांस्कृतिक गिरावट पर चिंता जताई और संस्कृतिकर्मियों की गोष्ठी आयोजित करने का जिम्मा लिया।
मछुआ समाज के युवा नेता नरेश सहनी ने नदियों के प्रदूषण, फरक्का बराज के कारण मछलियों के अकाल और गंगा में डॉल्फिन बचाने के नाम पर मछुआरों के मछली पकड़ने पर सरकारी फरमानों पर चिंता जताई। उन्होंने इस मुद्दे पर मछुआ समाज और प्रगतिशील लोगों की गोष्ठी आयोजित करने का जिम्मा लिया। बाबा आमटे सेंटर के अध्यक्ष रामबाबू ने बताया कि शिक्षा अत्यंत महंगी हो गई है और गरीबों के बच्चे उच्च शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं। इस संबंध में रामबाबू एक गोष्ठी आयोजित करेंगे। भूमिहीन ग्रामीणों और झुग्गी झोपड़ी के संघर्ष पर विचार किया गया ।
एकता परिषद के जिला संयोजक लखींद्र प्रसाद यादव ने भूमिहीन ग्रामीणों के संघर्ष का ब्योरा दिया। रविदास समाज के नेता चंदेश्वर राम ने एकता की इस पहल में एकजुटता दिखाने का वचन दिया। वहीं रामबाबू को बिहार शोध संवाद के जिला संयोजक की जिम्मेदारी दी गई।