समाज हित में है महिलाओं का कानून के प्रति जागरूक होना : अधिवक्ता राखी कुमारी

  • Post By Admin on Jun 28 2024
समाज हित में है महिलाओं का कानून के प्रति जागरूक होना : अधिवक्ता राखी कुमारी

लखीसराय : भारतीय न्याय संहिता में हुए बदलाव से किसी भी कारण से उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं को न्याय मिलने की राह में अड़चनें कम होंगी। घटनाक्रम के चार दिनों में प्राथमिकी से कार्यवाई तक की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है, जिसे वकील राखी कुमारी ने एक चर्चा में जाहिर किया। उन्होंने इस संदेश को समझाया कि महिलाओं को इस कानूनी बदलाव के बारे में जागरूक होना जरूरी है, क्योंकि बिना जानकारी के महिलाएं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो सकती हैं। उन्होंने विस्तार से बताया कि इस नए कानून के तहत, महिलाओं के खिलाफ अपराधों जैसे छेड़खानी, अश्लीलता, बलात्कार, पति-पत्नी के बीच जबरन मैथुन, दहेज उत्पीड़न, आत्महत्या आदि के मामलों में सूचना देने का तरीका सरल और सुगम होगा।

राखी कुमारी ने यह भी बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 63, 64, 65, 66, 67, 68, 69, 70, 71, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 80, 85, 108 और 124, 226 में विस्तृत रूप में व्याख्यायित किया गया है कि सूचना किसी महिला पुलिस अधिकारी के द्वारा ही दर्ज किया जाएगा। इस नए व्यवस्था के अनुसार, महिला पुलिस अधिकारी के द्वारा सूचना दर्ज की जाएगी, और इसके लिए पीड़िता को अब पुलिस थाने जाने की जरूरत नहीं होगी। अगर वह चाहे तो वह ईमेल या मोबाइल से भी सूचना दे सकती हैं। 

उन्होंने स्पष्ट किया कि शिकायत को हस्ताक्षरित करने की अवधि तीन कार्य दिवस है, जिससे पीड़िता को अपने अधिकारों का उपयोग करने में आसानी होगी। इस बदलाव से सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो महिलाओं को उनकी सुरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक करने में मदद करेगा।