बौद्धिक संपदा अधिकार : नेविगेटिंग पेटेंट्स, पब्लिकेशन एंड प्रोजेक्ट फंडिंग पर सेमिनार आयोजित

  • Post By Admin on Nov 13 2024
बौद्धिक संपदा अधिकार : नेविगेटिंग पेटेंट्स, पब्लिकेशन एंड प्रोजेक्ट फंडिंग पर सेमिनार आयोजित

मुजफ्फरपुर : विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में “बौद्धिक संपदा अधिकार : नेविगेटिंग पेटेंट्स, पब्लिकेशन एंड प्रोजेक्ट फंडिंग” विषय पर सोमवार एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आईआईटी रोपड़ के छात्र और फुलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के सीईओ रौशन कुमार सिंह ने बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि पेटेंट एक प्रकार की बौद्धिक संपदा हैl जो आविष्कारकों को अपने नवाचारों पर कानूनी अधिकार देती है। उन्होंने बताया कि पेटेंट मालिकों को अपने आविष्कारों के सार्वजनिक प्रकटीकरण के बदले में दूसरों को उसे बनाने, उपयोग करने या बेचने से बाहर रखने का अधिकार प्राप्त होता है।

रौशन कुमार सिंह ने आगे कहा, “बौद्धिक संपदा अधिकार रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देते हैंl जिससे नए उद्योगों का जन्म होता है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। यह वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देता है और सीमाओं के पार व्यापार करने में भी आसानी होती है।” उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों का उद्देश्य रचनाकारों और आविष्कारकों को उनके कार्यों की सुरक्षा प्रदान करना है, जिससे वे नवाचार में प्रेरित हो सकें।

विभागाध्यक्षा डॉ. रंजना कुमारी ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से बौद्धिक संपदा के विभिन्न पहलुओं को समझने का शानदार अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने मुख्य वक्ता रौशन कुमार सिंह का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों एवं छात्रों का धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में मंच संचालन प्रो. नीलम कुमारी ने किया और विषय प्रवेश डॉ. गौरव पांडे ने कराया। इस अवसर पर प्रो. पूनम, प्रो. कादंबिनी, डॉ. रितिका, डॉ. नीति किरण, डॉ. गौरव पांडे सहित कई शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थेl यह सेमिनार बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व को समझने और अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के लिहाज से एक अहम कदम साबित हुआ है।