भारतीय न्याय संहिता 2023 : नई धाराओं में अपराध की श्रेणियों के स्पष्ट प्रावधान

  • Post By Admin on Jun 28 2024
भारतीय न्याय संहिता 2023 : नई धाराओं में अपराध की श्रेणियों के स्पष्ट प्रावधान

लखीसराय : शुक्रवार को एक परिचर्चा में अधिवक्ता रजनीश कुमार ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 14 में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति कानून की भूल या कानून द्वारा बाध्य होने के विश्वास के कारण किसी कार्य को अंजाम देता है, तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। इसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई सैनिक वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर भीड़ पर गोली चलाता है या किसी न्यायालय के आदेश पर गलत पहचान के आधार पर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करता है, तो यह कार्य अपराध नहीं माना जाएगा।

संहिता के नए प्रावधानों के अनुसार, धारा 20 के तहत सात वर्ष से कम आयु के बच्चे का कोई भी कार्य अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। वहीं, धारा 21 में सात से बारह वर्ष के बीच के अपरिपक्व समझ वाले बच्चों का कार्य भी अपराध नहीं माना जाएगा। धारा 22 के अनुसार, मानसिक विकृति वाले व्यक्ति द्वारा किए गए कार्य, जिन्हें कार्य की प्रकृति और परिणाम का ज्ञान नहीं होता है, अपराध की श्रेणी से बाहर रखे गए हैं।

धारा 23 के तहत, किसी व्यक्ति द्वारा इच्छा के विरुद्ध नशे की स्थिति में किए गए कार्य को भी अपराध नहीं माना जाएगा। इसी प्रकार, धारा 25 के अनुसार, यदि कोई कार्य सहमति से किया गया है, जिसमें अपराध करने का उद्देश्य या संभावना का ज्ञान नहीं हो, तो वह भी अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा।

धारा 26 में यह प्रावधान है कि किसी व्यक्ति के लाभ के लिए सहमति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य, जिसमें मृत्यु का उद्देश्य न हो, अपराध नहीं माना जाएगा। धारा 27 के अनुसार, किसी बच्चे या मानसिक विकृति वाले व्यक्ति के हित में उनके संरक्षक द्वारा सहमति के बाद सद्भावपूर्वक किया गया कार्य, जिसमें अपराध करने का कोई उद्देश्य न हो, भी अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है।

यह संशोधन पुराने कानूनों को नए परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करते हुए समाज में न्याय और विधि व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।