पति ने पत्नी की याद में बनवाया मंदिर, अद्भुत प्रेम और समर्पण की मिसाल

  • Post By Admin on Feb 26 2025
पति ने पत्नी की याद में बनवाया मंदिर, अद्भुत प्रेम और समर्पण की मिसाल

छपरा : जिले के मांझी प्रखंड स्थित गोबरही गांव में एक पति ने अपनी दिवंगत पत्नी की याद में एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया है। यह अनोखी प्रेम कहानी और समर्पण की मिसाल अब पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई है। गोबरही गांव के निवासी विजय सिंह ने अपनी पत्नी स्व. रेणु देवी की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए 2 करोड़ रुपये की लागत से ‘शिवशक्ति धाम’ मंदिर का निर्माण कराया है।

स्व. रेणु देवी की अंतिम इच्छा

स्व. रेणु देवी का महाशिवरात्रि के दिन निधन हुआ था और उनकी आखिरी इच्छा थी कि उनके पति एक शिव मंदिर का निर्माण कराएं। इस इच्छा को पूरा करने के लिए विजय सिंह ने राजस्थान से कारीगरों को बुलाकर एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर का उद्देश्य न केवल उनकी पत्नी की यादों को संजोए रखना था, बल्कि इसे गांव के लोगों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित करना था। अब यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक आस्थाजनक स्थल बन चुका है।

महाशिवरात्रि पर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी

मंदिर का निर्माण पूर्ण होने के बाद अब महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस धार्मिक आयोजन की तैयारियां बड़े पैमाने पर हुई और हजारों श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लिया।

भव्य वास्तुकला और धार्मिक महत्व

करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से बने इस मंदिर की वास्तुकला बेहद भव्य और आकर्षक है। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित किया गया है, जो भक्तों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। विजय सिंह का कहना है कि यह मंदिर न केवल उनकी पत्नी के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक होगा, बल्कि यह गांव के लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनेगा, जहां लोग नियमित रूप से पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

गांववासियों में उत्साह और खुशी

स्थानीय निवासी देवेंद्र सिंह ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण से पूरे गांव में उत्साह और श्रद्धा का वातावरण बन गया है। बड़ी संख्या में लोग मंदिर के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। यह मंदिर एक भव्य धार्मिक स्थल के रूप में उभरा है और साथ ही यह प्रेम, समर्पण और पति-पत्नि के रिश्ते की एक अद्भुत कहानी भी बयान करता है।

एक प्रेम कहानी का प्रतीक

विजय सिंह ने इस मंदिर के माध्यम से यह सिद्ध कर दिया है कि सच्चा प्रेम समय और दूरी की सीमाओं से परे होता है। उनकी पत्नी की याद में बना यह मंदिर अब एक प्रेम की अमर कहानी और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है। यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल बन चुका है, बल्कि यह लोगों को प्रेरणा भी देता है कि प्रेम और श्रद्धा के मार्ग पर चलकर जीवन को सुखमय और संपूर्ण बनाया जा सकता है।