हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा कवि गोष्ठी आयोजित, देशभक्ति और समकालीन विषयों पर गूंजे स्वर

  • Post By Admin on May 25 2025
हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा कवि गोष्ठी आयोजित, देशभक्ति और समकालीन विषयों पर गूंजे स्वर

लखीसराय : जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन, लखीसराय द्वारा रविवार को स्थानीय प्रभात चौक स्थित एक निजी होटल के सभागार में एक भव्य कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष रामबालक सिंह ने की, जबकि संचालन का दायित्व वरिष्ठ कवि देवेंद्र सिंह 'आजाद' ने निभाया।

गोष्ठी में कवियों ने देशभक्ति, सामाजिक सरोकार और संवेदनशील विषयों पर अपनी भावनाएं काव्य रूप में व्यक्त कीं। देवेंद्र सिंह 'आजाद' ने अपनी रचना “मिट्टी में मिल गए वह जो मिटाने निकले थे निर्दोषों के सिंदूर” के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। अध्यक्ष रामबालक सिंह ने “शहीदों के लिए एक दीप जलाना होगा, लोगों को देशभक्ति का कसम खाना होगा” रचना के माध्यम से देश के प्रति समर्पण का आह्वान किया।

बलजीत कुमार ने “दूर किया तुमने सिंदूर, सिंधु नदी हो गया तुमसे दूर” के माध्यम से संस्कृति और संवेदना की बात की, वहीं राजकुमार ने “मेरा गांव हम सब ने यह जाना है” कविता से ग्रामीण जीवन की झलक पेश की।

सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की रचना “अभियान सफल सिंदूर है, राष्ट्र रक्षा हमारा दस्तूर है” ने देशप्रेम को नई ऊंचाई दी। राजेश्वरी प्रसाद सिंह की कविता “छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं, टेरिफ हो या आतंकवाद” ने आक्रामक तेवर दिखाए, जबकि कामेश्वर प्रसाद यादव ने “धर्म पूछ कर मारने वाले सुन लो पाकिस्तानी...” जैसी पंक्तियों से आतंकवाद के खिलाफ तीखा संदेश दिया।

अन्य प्रमुख कवियों में भोला पंडित (“गौरवशाली जिला लखीसराय है”), अंकित सिंह बत्स (“वीर शहीदों के चरणों में कोटि-कोटि नमन रे”), और अरविंद कुमार भारती (“आपका दर्द ने बेदर्द कर दिया, हर बार झेलकर शख्त मर्द कर दिया”) की रचनाएं सराही गईं।

पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता राम विनय सिंह 'संजय' ने सभी आगंतुक कवियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। नवलकंठ पत्रिका के प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती ने कवियों से अपनी रचनाएं पत्रिका प्रकाशन हेतु उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

कार्यक्रम में स्थानीय साहित्यप्रेमियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही और गोष्ठी देर तक तालियों की गूंज से गूंजती रही।