मुजफ्फरपुर में नदियों का भविष्य : समस्या और समाधान पर गहन विमर्श

  • Post By Admin on Nov 30 2024
मुजफ्फरपुर में नदियों का भविष्य : समस्या और समाधान पर गहन विमर्श

मुजफ्फरपुर : “गंगा बेसिन समस्या और समाधान” पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श के दूसरे दिन शुक्रवार को मिठनापुर के चंद्रशेखर भवन में नदियों का भविष्य, समस्या और समाधान विषय पर गहन चर्चा की गई। इस महत्वपूर्ण आयोजन की अध्यक्षता झारखंड की अलका सिंह और संचालन भागलपुर के गौतम मल्लाह ने किया।

कार्यक्रम में विभिन्न विषय विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं ने नदियों की समस्याओं पर अपने विचार रखे। पत्रकार अमरनाथ झा ने गंगा पर बने बांध और फरक्का बराज के प्रभाव को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की। प्रो. डॉ. योगेन्द्र ने गंगा सहित अन्य नदियों की परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए नदियों के किनारे की सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।

राजस्थान के विरेंद्र सिंह ने नदियों, तालाबों और जलस्रोतों के अतिक्रमण से बचाने की बात की। जबकि जल श्रमिक संघ के योगेन्द्र सहनी ने नदियों में बढ़ते प्रदूषण और मछुआ समुदाय की आजीविका से संबंधित समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया।

गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रणेता अनिल प्रकाश ने बताया कि इस गहन चर्चा के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया कि बिहार सरकार को फ्री फिशिंग एक्ट विधेयक पारित कर एक कानून बनाना चाहिए और नदियों का सर्वेक्षण और सीमांकन कराना चाहिए।

इस दौरान संतोष कुमार सिद्धार्थ द्वारा लिखित “जन नायिका सरला श्रीवास की जीवन यात्रा” पुस्तक का लोकारण भी किया गया। संध्या में काव्य गोष्ठी और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार अनिल गुप्ता, अंजनी पाठक, उमेश कुमार और अन्य कवियों ने काव्य पाठ किया। “बोल जमुरे बोल” नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जो सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान द्वारा आयोजित था।

मुख्य वक्ताओं में रणजीत कुमार मंडल, वीरेंद्र सिंह, अनिल प्रकाश, योगेन्द्र, हेमलता महस्के और कई अन्य ने नदियों के संरक्षण और सुधार के लिए अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन मधुर मिलन नायक ने किया।