बिहार में बाढ़ का खतरा, कोसी-गंडक उफान पर
- Post By Admin on Sep 28 2024
पटना : नेपाल में भारी बारिश के कारण बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा गहरा गया है, खासकर उत्तर बिहार में। कोसी, गंडक, कमला बलान और गंगा जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नेपाल से नदियों में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है, और जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। सभी इंजीनियरों को बांधों और उनके आसपास के क्षेत्रों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है और इसके लिए लगातार माइकिंग की जा रही है। शनिवार दोपहर तीन बजे तक कोसी में वीरपुर बराज से 5.41 लाख क्यूसेक और गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से 4.74 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
कमला बलान नदी में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार सुबह 11 बजे तक नदी का जलस्तर 52 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 50 मीटर से दो मीटर अधिक है। नदी में जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके चलते झंझारपुर के सड़क पुल पर भारी दबाव बना हुआ है। पुल के अधिकांश पिलर पानी में डूब चुके हैं, और अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो शाम तक पुल का गाडर भी पानी को छू सकता है, जिससे पानी का बहाव धीमा हो जाएगा और पुल के उत्तर दिशा में पानी जमा होने लगेगा। इस स्थिति में तटबंधों के संवेदनशील स्थानों पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं ने तटबंधों की निगरानी के लिए रात से ही सतर्कता बढ़ा दी है, और फ्लड फाइटिंग की तैयारी भी तेज कर दी गई है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने बताया कि तटबंध अभी पूरी तरह सुरक्षित हैं, और संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
सुपौल से मिली जानकारी के अनुसार, कोसी नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार सुबह 10 बजे तक 4.80 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया, और कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। नेपाल के बराह क्षेत्र में भी जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है, जहां 3.99 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया है।
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष मल्ल ने वीरपुर स्थित अभियंताओं और जिला प्रशासन को पहले ही अलर्ट कर दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। सुपौल, वीरपुर और निर्मली अनुमंडल प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है। सुपौल के डीएम कौशल कुमार ने तटबंधों का निरीक्षण किया और आपातकालीन तैयारी का निर्देश दिया।
बाढ़ आश्रय स्थलों पर व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रशासन ने सफाई, पेयजल और रोशनी की उचित व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। तटबंध के अंदर रह रहे लोगों को नावों की सहायता से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों में चिंता की स्थिति बनी हुई है।