डिस्लेक्सिया बड़ी समस्या नहीं समाधान संभव : डॉ. सुधांशु कुमार

  • Post By Admin on Oct 26 2024
डिस्लेक्सिया बड़ी समस्या नहीं समाधान संभव : डॉ. सुधांशु कुमार

मुजफ्फरपुर : ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान नहीं होता, और डिस्लेक्सिया भी एक ऐसी समस्या है जिसका सामना किया जा सकता है," यह बात स्थानीय प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में आयोजित डिस्लेक्सिया जागरूकता सप्ताह के समापन सत्र के दौरान अकादमिक प्रमुख और व्यंग्यकार डॉ. सुधांशु कुमार ने कही। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि विश्वविख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस अल्वा एडीसन और महान चित्रकार लिओनार्डो दा विंची भी डिस्लेक्सिया से प्रभावित थे, लेकिन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प के साथ उन्होंने विश्व में अपना नाम स्थापित किया।

महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्या, डॉ. स्वेता सोनाली ने प्रशिक्षुओं से संबोधन में अभिभावकों, शिक्षकों और समाज को डिस्लेक्सिया के प्रति सजग और जागरूक रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण और सावधानी बरतते हुए डिस्लेक्सिया से प्रभावित बच्चों के भविष्य को संवारा जा सकता है।

महाविद्यालय की व्याख्याता डॉ. रानी कुमारी ने प्रशिक्षुओं से अपील की कि वे अपने-अपने लैब विद्यालय में डिस्लेक्सिया के प्रति जागरूकता फैलाएं, ताकि प्रभावित बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह अपने जीवन में नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकें।

जागरूकता फैलाने के लिए अकादमिक प्रमुख डॉ. सुधांशु कुमार और डॉ. रानी कुमारी के मार्गदर्शन में पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में काजल कुमारी, पुष्पांजली कुमारी, सर्बिस कुमार, नम्रता कुमारी समेत दर्जनों प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। इसके बाद प्रशिक्षुओं ने डिस्लेक्सिया पर जागरूकता रैली भी निकाली, जिसमें व्याख्याता मिनाक्षी कुमारी, सीमा कुमारी, जयपाल कुमार, जितेंद्र कुमार, मौसम कुमारी, मधु कुमारी, विकास कुमार, सोनू कुमार, संजय कुमार, मिथिलेश कुमार, राजेश कुमार, वृंद कुमार, लालकिशोर प्रसाद, और मोहित कुमार ने भाग लिया।

यह आयोजन डिस्लेक्सिया के प्रति समाज में जागरूकता लाने और प्रभावित बच्चों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।