विद्यालय सुदृढ़ीकरण योजना में करोड़ों का घोटाला, महागठबंधन ने लगाया सत्ता संरक्षण में भ्रष्टाचार का आरोप
- Post By Admin on May 05 2025

लखीसराय : जिले में विद्यालय सुदृढ़ीकरण योजना की फाइलों में व्यापक फर्जीवाड़े का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए महागठबंधन ने कहा है कि करोड़ों रुपए के गबन की साजिश पूर्व-नियोजित थी, जिसमें सत्ता संरक्षित माफियाओं की मिलीभगत है और साक्ष्य मिटाने की पूरी छूट दी जा रही है।
महागठबंधन के वरिष्ठ सदस्य एवं अधिवक्ता रजनीश कुमार ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे "भ्रष्टाचार की गंगोत्री" करार दिया। उन्होंने कहा कि फर्जी विपत्र, मापी पुस्तिका और संचिकाएं तैयार कर बिना कार्य किए करोड़ों रुपए की निकासी की गई, लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है। जिन लोगों ने गबन किया, वे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि कुछ निर्दोष संवेदकों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
रजनीश कुमार ने आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक के दबाव में शिक्षा विभाग ने जिला भाजपा नेता हिमांशु को अधिकृत प्रतिनिधि बनाकर 21 दिसंबर 2024 की जिला परिषद बैठक में भेजा था। उसी बैठक में शिक्षा कार्यालय में वर्षों से प्रतिनियुक्त कुछ कर्मचारियों को हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ, परंतु उसे दरकिनार कर अधिकारियों और बिचौलियों ने आपसी "मैनेजमेंट" से भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया।
महागठबंधन का दावा है कि हिमांशु के नाम 50 से अधिक योजनाएं और AAT कोष, शगुन, सरफराज जैसे विशेष संवेदकों के नाम पर कुल 537 योजनाएं बिना कार्य किए स्वीकृत कर दी गईं। इन योजनाओं के एवज में लगभग 23% नगद कमीशन वसूला गया और संचिकाएं फर्जी मापी पुस्तिकाओं सहित कोषागार भेज दी गईं। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग को वित्तीय वर्ष 2023–24 में 38 करोड़ का आवंटन मिला था, लेकिन अतिरिक्त 48 करोड़ रुपए की राशि मंत्रालय से दबाव बनाकर मंगाई गई, जो इस षड्यंत्र का हिस्सा था।
महागठबंधन का कहना है कि दो स्थानीय नेताओं के आपसी टकराव के कारण यह घोटाला उजागर हुआ। घोटाले से जुड़ी मूल संचिकाएं और अनुमोदन सूची पहले गायब की गईं, लेकिन बाद में समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय से वही सूची बरामद हुई। बावजूद इसके, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया और सूची मिलने की प्रक्रिया को भी गोपनीय रखा गया।
आरोप है कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन मिलकर हिमांशु और उससे जुड़े माफिया गिरोह को बचाने में लगे हैं। वित्तीय वर्ष 2024–25 में भी गाइडलाइन के विरुद्ध 534 फर्जी योजनाएं बनाई गईं, लेकिन किसी भी बड़े खिलाड़ी पर अब तक कार्यवाही नहीं हुई।
रजनीश कुमार ने ऐलान किया कि महागठबंधन इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पटना उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका दायर करेगा और जिला समाहरणालय का घेराव कर कामकाज ठप करेगा। उन्होंने कहा कि जब तक घोटाले के मुख्य दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल नहीं भेजा जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
उनका कहना है कि जिला प्रशासन की कथनी और करनी में भारी अंतर है, जिससे लोकतंत्र पर से आम लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के नाम पर हो रहे घोटालों की परतें एक-एक कर खोली जाएंगी और जनता के सामने सच्चाई लाई जाएगी।