भूमिहीनों को उजाड़ने के विरोध में भाकपा-माले ने निकाला मशाल जुलूस, सरकार को दी चेतावनी
- Post By Admin on Dec 17 2024

मुजफ्फरपुर : अखाड़ाघाट और सिकंदरपुर स्टेडियम के निकट बसे भूमिहीन परिवारों को उजाड़ने की प्रशासनिक साजिश के खिलाफ भाकपा-माले ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी के बैनर तले हजारों महिला-पुरुषों ने मशाल जुलूस निकालकर विरोध जताया और "पहले बसाओ, फिर हटाओ" का नारा बुलंद किया। मशाल जुलूस अखाड़ाघाट से शुरू होकर सिकंदरपुर चौक और टावर चौक तक पहुंचा। यहां आयोजित विरोध सभा में माले नेताओं ने प्रशासन और नीतीश सरकार पर तीखे हमले किए।
सभा को संबोधित करते हुए माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह ने कहा, "नीतीश सरकार अपने ही वादों को जमीन पर उतारने में नाकाम साबित हो रही है। सरकार गरीबों को 5 डिसमिल जमीन देने की बात करती है, लेकिन उसके अधिकारी इन्हें धमकाकर घरों पर बुलडोज़र चलाने की साजिश रच रहे हैं। विकास योजनाओं के नाम पर गरीबों को उजाड़ने का नया चलन शुरू हो गया है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
सिंह ने आगे कहा, "अधिकारियों का रवैया जमींदारों जैसा हो गया है। वे गरीबों को डराने और धमकाने में लगे हैं। सरकार को समझ लेना चाहिए कि अगर बिहार के गरीबों ने इन्हें सच में जमींदार मान लिया, तो इन्हें मिट्टी में दफना देंगे।"
माले नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, "सरकार गरीबों को 5 डिसमिल जमीन देने की बात करती है, लेकिन अधिकारी इसे लागू करने में आनाकानी कर रहे हैं। ठंड के इस मौसम में भूमिहीन परिवारों को उनके घरों से हटाना न केवल अमानवीय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के भी खिलाफ है। पहले गरीबों को जमीन और कब्जा दो, फिर अगर जरूरत हो तो हटाओ।"
माले नगर कमिटी सदस्य राजकिशोर प्रसाद ने कहा, "अखाड़ाघाट और सिकंदरपुर के भूमिहीन परिवारों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ने का प्रयास तुगलकी फरमान जैसा है। हमारी पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर प्रशासन ने अपने रवैये में बदलाव नहीं किया, तो सीओ और जिलाधिकारी का घेराव किया जाएगा।"
वहीं, विजय गुप्ता ने कहा, "प्रशासन बड़े लोगों के अवैध कब्जे को नजरअंदाज कर गरीबों को निशाना बना रहा है। जिला प्रशासन को शहर की सरकारी जमीन की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए और बड़े लोगों के कब्जे खत्म करने चाहिए।"
विरोध सभा में महिलाओं ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर गरीबों को उनके अधिकार नहीं मिले, तो आगामी चुनाव में नीतीश सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। माले नेताओं ने यह भी कहा कि मुजफ्फरपुर में आयोजित मुख्यमंत्री का महिला संवाद हंगामे की भेंट चढ़ सकता है, अगर गरीबों को उजाड़ने का अभियान नहीं रोका गया।
मशाल जुलूस में सूरज कुमार सिंह, शाहनवाज़ हुसैन, राजकिशोर प्रसाद, विजय गुप्ता, मुकेश कुमार, मोहम्मद सफी, रंजू देवी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल थे।