वेस्ट से बन रहा बेस्ट, प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण में हो रही मदद

  • Post By Admin on Mar 05 2025
वेस्ट से बन रहा बेस्ट, प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण में हो रही मदद

जहानाबाद : जिले में स्थित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट (PWMU) एक अनोखे और प्रभावी तरीके से काम कर रहा है, जहां प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन सिर्फ पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि लोगों के रोजगार और विकास के लिए भी एक सकारात्मक पहल बन चुका है। इस यूनिट के माध्यम से कचरे का न सिर्फ पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) हो रहा है, बल्कि सड़क निर्माण जैसे विकास कार्यों में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।

कचरे से ‘बेस्ट’ प्रोडक्ट बनाने की पहल
जहानाबाद जिले के हुलासगंज प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित PWMU में कचरा प्रबंधन का कार्य चल रहा है। यहां पर विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा कर उसे रीसायकल करने के बाद विभिन्न उत्पादों में परिवर्तित किया जा रहा है। प्रखंड विकास पदाधिकारी स्वाति कुमारी ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना और उसे उपयोगी उत्पादों में बदलना है। अब तक PWMU ने 38 WPO (वेस्ट प्रोसेसिंग ऑर्गेनाइजेशन) को जोड़ लिया है, जो अपने इलाके के कचरे को यूनिट तक भेजते हैं।

रोजगार का सृजन और कचरे की रीसाइक्लिंग

PWMU की स्थापना से न केवल पर्यावरण की रक्षा हो रही है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। यूनिट से अब तक 65 टन प्लास्टिक कचरे को रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जा चुका है। यहां पर पांच लोग सीधे तौर पर काम कर रहे हैं। जबकि 100 से ज्यादा लोग अप्रत्यक्ष रूप से इस पहल से जुड़कर अपनी आजीविका कमा रहे हैं।

सड़क निर्माण में भी हो रहा है उपयोग
यह कचरा अब केवल रीसाइक्लिंग तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसका उपयोग सड़क निर्माण में भी किया जा रहा है। इस प्रबंधन इकाई के प्रोपराइटर शुभम कुमार बताते हैं कि यहां प्लास्टिक कचरे को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है—मिक्स पन्नी, लो वैल्यू वेस्ट और पेट बॉटल्स। इन कचरों को अलग-अलग प्रोसेसिंग मशीनों से प्रोसेस किया जाता है। इसके अलावा, स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज में इस कचरे का उपयोग शोध कार्यों के लिए भी किया जा रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह योजना
PWMU इस समय स्वच्छ भारत मिशन के तहत चार मुख्य कार्यों पर ध्यान दे रहा है: रिफ्यूज (कचरा), रिड्यूस (कम करना), रीयूज़ (पुनः उपयोग) और रीसाइक्लिंग। इस पहल को ‘आप हमें वेस्ट दो, हम आपको बेस्ट प्रोडक्ट देंगे’ के कांसेप्ट के तहत चलाया जा रहा है, जो एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एक छोटे से कदम से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।

जहानाबाद का यह मॉडल न केवल बिहार में, बल्कि पूरे देश में कचरे के प्रबंधन और रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखा रहा है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ हो रहा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं और विकास कार्यों में योगदान दिया जा रहा है।