बज्जिका भाषी फिल्म आजूर को मिली सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का पुरस्कार
- Post By Admin on Dec 20 2024

मुजफ्फरपुर : जिले के मालीघाट में आज सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान द्वारा आयोजित एक बैठक में यह घोषणा की गई कि फिल्म ‘आजूर’ बज्जिका भाषियों के लिए एक नई क्रांति की शुरुआत का प्रतीक बन चुकी है। इस फिल्म को हाल ही में सर्वोत्तम निर्देशन के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ है। जिससे बज्जिका समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है।
‘आजूर’ को मिली सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का पुरस्कार
फिल्म ‘आजूर’ को निर्देशक आर्यन चन्द्र प्रकाश के बेहतरीन निर्देशन के लिए कोलकाता के रवीन्द्र सदन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में हीरालाल सेन मेमोरियल अवार्ड फॉर बेस्ट डायरेक्टर से नवाजा गया। यह पुरस्कार बज्जिका भाषा की पहली फिल्म के निर्देशक के रूप में आर्यन चन्द्र प्रकाश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ है और यह फिल्म अब बज्जिका भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में एक मील का पत्थर बन चुकी है।
बैठक में संस्थान के संयोजक और प्रसिद्ध कठपुतली कलाकार सुनील सरला ने बताया कि ‘आजूर’ फिल्म बज्जिका भाषियों के बीच गर्व और पहचान की भावना को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म बज्जिका भाषा और संस्कृति के लिए एक नई दिशा का संकेत है।
बज्जिका साहित्यकारों और कलाकारों की बधाई
‘आजूर’ की सफलता के बाद बज्जिका साहित्यकारों और कलाकारों ने निर्देशक आर्यन चन्द्र प्रकाश को हार्दिक बधाई दी। इसमें प्रमुख नाम डॉ. ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी, ईश्वर करुण, हरिनारायण सिंह हरि, संजय पंकज, बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर, मुकेश कुमार मृदुल, अश्विनीकुमार आलोक, ज्वाला सांध्यपुष्प, द्वारिका राय सुबोध, दिनेश प्रसाद, दुखित महतो भक्तराज, रत्नेश कुमार, पर्यावरण सेवी बशिष्ठ राय, भाई रणधीर, सुजीत भगत आदि शामिल हैं। इन सभी ने फिल्म के निर्देशक को बज्जिका भाषा के प्रचार-प्रसार में किए गए इस योगदान के लिए सराहना दी।
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के शोधार्थी अभय कुमार ने कहा कि यह फिल्म ‘आजूर’ न केवल बज्जिका भाषा के लिए एक गर्व का क्षण है बल्कि यह बज्जिका भाषियों के बीच अपनी पहचान और भाषा के प्रति गर्व की भावना को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह फिल्म अब विश्व पटल पर भी बज्जिका भाषा को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा बधाई
इस कार्यक्रम में सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक सुनील सरला के नेतृत्व में कई सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए। इनमें चाइल्डसेफ के जयचंद्र कुमार, कठपुतली कला केन्द्र की सचिव प्रीति कुमारी, परफेक्ट सोल्यूशन सोसाइटी के सचिव अनिल कुमार ठाकुर, स्वर्णिम कला केन्द्र की संस्थापक ऊषा किरण, संजीवनी संस्थान के नदीम खान, सरला श्रीवास युवा मंडल की अध्यक्ष सुमन कुमारी, नव संचेतन के सचिव प्रमोद कुमार आजाद, अमन चिल्ड्रेन स्कूल की प्राचार्य बबीता ठाकुर और सरला श्रीवास सोशल कल्चरल रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष धीरज कुमार ने भी फिल्म के निर्देशक को बधाई दी और उन्हें भविष्य के कार्यों के लिए शुभकामनाएं दीं।
कुल मिलाकर, ‘आजूर’ फिल्म ने बज्जिका समुदाय को गर्व का अहसास कराया है और यह फिल्म आगे चलकर न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बज्जिका भाषा और संस्कृति को एक नई पहचान दिलाएगी।