बाल विवाह रोकथाम को लेकर चला जागरूकता अभियान, पंडित व मौलवी ने भी लिया सहयोग का संकल्प

  • Post By Admin on Apr 30 2025
बाल विवाह रोकथाम को लेकर चला जागरूकता अभियान, पंडित व मौलवी ने भी लिया सहयोग का संकल्प

लखीसराय : जिले के वार्ड संख्या 7, धर्मरायचक स्थित महादलित टोला मुशहरी में बुधवार को बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता लाने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला एवं बाल विकास निगम के तत्वावधान में संकल्प हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार ने की।

प्रशांत कुमार ने बाल विवाह के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे बालिका की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, मानसिक व आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी सरकारी लाभकारी योजनाओं से भी बाल विवाह के कारण बालिकाएं वंचित रह जाती हैं।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA) 2006 के तहत बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है और इसमें शामिल बाराती, डेकोरेटर, हलवाई, बैंड-बाजा वाले, विवाह स्थल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित या मौलवी तक को दो वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है।

वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ अमित कुमार ने बाल विवाह को बच्चों के साथ यौन अपराध की संज्ञा देते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ वैवाहिक यौन संबंध भी पॉक्सो एक्ट के तहत बलात्कार की श्रेणी में आता है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि अब पंडित और मौलवी भी इस मुहिम में आगे आकर बाल विवाह रोकने की शपथ ले रहे हैं।

कार्यक्रम में केस वर्कर निभा कुमारी ने घरेलू हिंसा और कुपोषण जैसी समस्याओं की जड़ में बाल विवाह को जिम्मेदार ठहराया और बेटियों की शिक्षा व सशक्तिकरण की वकालत की। उन्होंने महिला हेल्पलाइन नंबर 181 की भी जानकारी दी।

प्रभारी जिला समन्वयक (एनएनएम) कन्हैया कुमार ने कहा कि बाल विवाह के कारण मां और बच्ची दोनों कुपोषण के शिकार हो रहे हैं, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ता है। 

इस अवसर पर आंगनबाड़ी सेविका अनिता कुमारी, सहायिका मंजू देवी, कारी देवी, तीला देवी, बबीता, पूजा, किरण, प्रियंका समेत दर्जनों महिलाएं उपस्थित रहीं और बाल विवाह के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद की।