मोतिहारी के थानों में मिलेगी आवेदन की रिसिविंग, एफआईआर की एक काॅपी मिलेगी फ्री
- Post By Admin on Nov 14 2024

मोतिहारी : बुधवार की शाम जब जिले के विभिन्न वाट्सएप ग्रुपों व मोतिहारी पुलिस के फेसबुक पेज पर जैसे हीं जिले के विभिन्न थानों में आवेदन की प्राप्ति रसीद लेते हुए आवेदकों की व थानों में लगे हुए आर.ओ. वाटर प्यूरीफायरों की तस्वीरें आईं अचानक से मोतिहारी पुलिस में आए हुए सुखद बदलाव की चर्चा जिलेवासियों के बीच होने लगी. दरअसल क्राइम मीटिंग में पूर्वी चंपारण के एसपी स्वर्ण प्रभात ने कई जरूरी निर्देश दिए थे जिसके फलस्वरुप विभिन्र थानों से आई हुई तस्वीरे मोतिहारी पुलिस के लिए सोसल मीडिया पर प्रशंसा बटोरने लगी. पुलिस कप्तान ने जहां कांडो के शीघ्र निष्पादन, वारंटियों की गिरफ्तारी व मुकम्मल गश्ती का आदेश जारी किया, वहीं आगामी पैक्स चुनाव को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए भी कई निर्देश भी दिए. इसी के साथ थानों के वर्क कल्चर को बेहतर बनाने हेतु भी कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए. जिसमे कहा गया कि थाने पर आने वाले सभी आगंतुकों की समस्या सुनी जाएगी. जिन थानों में बैठने की व्यवस्था नहीं है वहां बैठने की व्यवस्था भी की जाएगी. सभी आगंतुकों के पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जाएगी, आर.ओ. फिल्टर लगाने के साथ ही कागज व डस्टबिन भी रहेगी. सभी थानों में हर आवेदन की प्राप्ति रसीद दी जाएगी. जिस आवेदन पर केस दर्ज होगा, उसकी निःशुल्क प्रति भी आवेदक को तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी.
किसी भी काम के लिए पैसा मांगने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
एसपी ने स्पष्ट कहा है कि चरित्र सत्यापन/पासपोर्ट सत्यापन/एफआईआर करने के नाम पर पैसे मांगने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई की जाएगी. ऐसी शिकायतों को दर्ज कराने हेतु मोतिहारी पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 9470248818 पर अपनी शिकायत कॉल /व्हाट्सएप के माध्यम से दर्ज कराएं.शिकायतों की अविलंब जांच कर निष्पादन के साथ ही सूचक की पहचान गोपनीय रखी जाएगी.बता दें कि एस.पी. स्वर्ण प्रभात के पीपुल्स फ्रेंडली व अपराध विरोधी कार्यों की चर्चा इन दिनों आम जनों में काफी तेज है. कान फाड़ू डी.जे. मुक्त व देहछीलुआ भीड़ रहित दुर्गा पूजा हो या अपराध का गिरता ग्राफ हो एस.पी. साहब आम जनता के बीच बेहतर पुलिसिंग का नमूना अपने आने से बाद से हीं लगातार प्रस्तुत कर रहे हैं.गांवो में तो माताएं अपने बेटों को कह रही हैं "बबुआ मोटरसाइकिल खरीद लेल~ त~ एगो हेलमेट भी कीन ल~ आ सारा कागज पतर लेके हीं रोड पर जइह~." ट्रैफिक व्यवस्था के दुरुस्त हो जाने व पुलिस के द्वारा लगातार यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों को फाइन आदि का हीं असर है कि आज लोग बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के सड़कों पर कम हीं नज़र आते हैं. नतीजतन सड़क दुर्घटना में भी कमी आ गई. पुलिस पर हुए हमले के मामलों मे बड़ी संख्या में गिरफ्तारी व हमलावरों का बहादुरी से सामना करने वाले दरोगा को पुरस्कृत करने के निर्णय से जहाँ जांबांज अफसरों का हौसला बढ़ा है, वहीं गलत करने वाले अफसरों के विरुद्ध निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई तथा पेट्रोलिंग या ड्यूटी आवर में मटरगश्ती करने वाले या नींद खींचने वाले पुलिस कर्मियों की निगरानी स्वयं जनता को सौंपने से जनता का पुलिस के प्रति विश्वास भी गहराया है. इस तरह के सारे क्रियाकलाप काबिल-ए- तारीफ तो हैं ही लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा एस.पी. साहब का थाना में केस दर्ज कराने गए सूचकों व आम जनता के प्रति थानों को दिए गए निर्देश पीपुल फ्रेंडली व विश्वसनीय पुलिसिंग के अध्याय में एक बड़ा आयाम जोड़ने जैसा है. थाना का नाम मात्र सुनकर हीं अपराध पीडितों के मन में डर होने के कारण अपराध सहकर भी ग्रामीण राजनिति व धन-बल से प्रेरित अन्यान्य युक्त पंचायती सहन मर जाने वाले पीड़ितों को जब थाने में कुर्सी, कागज और आर.ओ. वाटर के साथ कुशल व्यवहार व आवेदन की प्राप्ति रसीद मिलेगी तो जनता थानों में सहज हीं जाएगी व न्याय भी पाएगी.