धूमधाम से मनाया गया सावित्री बाई फूले जी का 194वां जयंती

  • Post By Admin on Jan 04 2025
धूमधाम से मनाया गया सावित्री बाई फूले जी का 194वां जयंती

समस्तीपुर : जिले के आदर्श ग्राम चकहाजी में समाजसेवी राकेश कुशवाहा की अध्यक्षता में भारतीय समाज सुधारक और शिक्षा की मशाल जलाने वाली महान नेता सावित्री बाई फूले जी का 194वां जन्म जयंती बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा ग्राहक सेवा केंद्र के प्रांगण में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश महासचिव उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने सावित्री बाई फूले के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा, “सावित्री बाई फूले ने अपनी मेहनत और संघर्ष से समाज में बदलाव लाया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया, वह अपार है। आज की पीढ़ी को सावित्री बाई फूले की शिक्षाओं को आत्मसात करना चाहिए और समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए, खासकर महिलाओं को शिक्षा के महत्व के बारे में बताना चाहिए।” कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी राकेश कुशवाहा ने मुख्य अतिथि उपेन्द्र प्रसाद सिंह को फूल, माला और शॉल देकर सम्मानित किया। इस दौरान उपस्थित सभी लोगों ने सावित्री बाई फूले के योगदान को याद करते हुए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए। मंच संचालन देवनारायण सिंह, पूर्व मुखिया ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक रामानंद सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के जिला महासचिव डॉ. सुनिल कुमार, आर्य समाज के जिलाध्यक्ष राम कुमार सिंह, सेवानिवृत शिक्षक रघुवीर सिंह, समाजसेवी राकेश कुशवाहा, डाक बाबू रमेश प्रसाद सिंह, युवासाथी विनय कुमार सिंह, जयराम सिंह, आशेश्वर सिंह और अन्य समाजसेवी उपस्थित थे। इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा की संचालिका कुमारी ज्योत्स्ना, ग्रामीण वेदनाथ सिंह, बालचंद सिंह, राम पुकार शर्मा, इंद्रदेव सिंह, राम देव सिंह सहित सैकड़ों लोग इस आयोजन में शामिल हुए। सावित्री बाई फूले ने भारतीय समाज में महिलाओं की शिक्षा के लिए एक क्रांति की शुरुआत की। 1848 में पुणे में पहला महिला विद्यालय स्थापित कर उन्होंने महिलाओं के लिए शिक्षा का द्वार खोला। इसके अलावा, समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे बाल विवाह और सती प्रथा के खिलाफ भी उन्होंने जोरदार आंदोलन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में सावित्री बाई फूले की शिक्षाओं और उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाना था, ताकि समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़े और महिलाएं शिक्षा प्राप्त कर सशक्त बन सकें। कार्यक्रम के आयोजकों ने यह संकल्प लिया कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके और सावित्री बाई फूले के विचारों को युवाओं में प्रोत्साहित किया जा सके।