26 अगस्त को मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

  • Post By Admin on Aug 23 2024
26 अगस्त को मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

मुजफ्फरपुर : प्रसिद्ध पंडित प्रभात मिश्र के अनुसार, इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त, सोमवार को अष्टमी तिथि के साथ आरंभ होगा। अष्टमी तिथि दिन में 8:02 बजे शुरू हो जाएगी, जबकि रोहिणी नक्षत्र रात्रि 9:10 बजे से प्रारंभ होगा। ऐसे में मठ-मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर 26 अगस्त को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव जयंती योग में मनाया जाएगा। सोमवार की रात्रि 11:05 बजे चंद्रोदय होगा, जबकि वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी 27 अगस्त, मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार देशभर में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। कहीं रंगों की होली खेली जाती है, तो कहीं फूलों और इत्र की सुगंध से वातावरण महकता है। दही हांडी फोड़ने का उत्साह भी इस पर्व की पहचान है। मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण की मोहक छवियों का दर्शन कराया जाता है।

जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालु प्रातःकाल उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र नदियों, पोखरों में स्नान करते हैं। इसके बाद जन्माष्टमी व्रत का संकल्प लिया जाता है। श्रीकृष्ण की मूर्ति को नए वस्त्र धारण कराकर पालने में बिठाया जाता है और वैदिक मंत्रों के साथ षोडशोपचार पूजन किया जाता है। पूजन के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है और रात्रि में गीत-नृत्य के साथ उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए पुष्पों की वर्षा की जाती है और तुलसी की माला अर्पित की जाती है।

संतों के अनुसार, जब भी धरती पर पाप का बोझ बढ़ता है, भगवान जन्म लेकर प्राणियों की रक्षा करते हैं। द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने कंस के आतंक से लोगों को बचाने के लिए जन्म लिया। जब उनका जन्म हुआ, तब उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी कंस के कारागार में बंद थे, लेकिन श्रीकृष्ण के जन्म के साथ ही वासुदेव की बेड़ियां टूट गईं और कंस के पहरेदार गहरी नींद में सो गए। वासुदेव भगवान श्रीकृष्ण को लेकर गोकुल की ओर बढ़ने लगे। उस समय यमुना का जलस्तर भी काफी बढ़ा हुआ था, लेकिन भगवान की लीला से जलस्तर कम हो गया और वासुदेव सुरक्षित रूप से श्रीकृष्ण को नंद बाबा के घर पहुंचाने में सफल रहे।

इस प्रकार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर भक्तगण पूरे उत्साह और भक्ति भाव से भगवान श्रीकृष्ण का पूजन और आराधना करते हैं।