अमरनाथ यात्रा में उमड़ी श्रद्धा की लहर, अब तक 21,000 से अधिक श्रद्धालु कर चुके बाबा बर्फानी के दर्शन
- Post By Admin on Jul 06 2025

श्रीनगर : कश्मीर घाटी की बर्फीली वादियों में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का रेला लगातार जारी है। तीन दिन पहले शुरू हुई इस साल की अमरनाथ यात्रा में अब तक 21,000 से अधिक भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। यात्रा के तीसरे दिन रविवार को 7,208 श्रद्धालुओं का नया जत्था दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुआ।
एक काफिला बालटाल, जबकि दूसरा पहलगाम (नुनवान) बेस कैंप की ओर बढ़ा।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) के अनुसार, तीर्थयात्री अब सीधे बेस कैंपों पर भी पहुंचकर मौके पर पंजीकरण करा रहे हैं, जिससे यात्रा में सहभागिता और बढ़ी है।
यात्रा के दौरान रामबन जिले के चंद्रकोट में शनिवार को एक सड़क हादसे में पांच वाहन आपस में टकरा गए, जिसमें 36 यात्री घायल हो गए। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद आगे भेज दिया गया।
इस बार की यात्रा 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद हो रही है, जिसमें 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसी वजह से इस वर्ष सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर तक मजबूत किया गया है। 180 अतिरिक्त कंपनियों को सुरक्षा बलों के रूप में तैनात किया गया है, जिनमें सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस शामिल हैं।
यात्रा मार्ग के हर चरण—जम्मू के भगवती नगर से लेकर बालटाल और नुनवान बेस कैंपों, ट्रांजिट कैंपों और गुफा मंदिर तक—पर चौकसी के साथ सुरक्षा तैनात है।
इस बीच, स्थानीय कश्मीरियों ने भी तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत कर गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की है। काजीगुंड में नवयुग सुरंग पार कर घाटी में प्रवेश करते समय श्रद्धालुओं का फूलमालाओं और स्वागत तख्तियों के साथ अभिनंदन किया गया।
तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जो कुल 38 दिन की अवधि होगी।
श्रद्धालु या तो 46 किमी लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग चुनते हैं जिसमें चार दिन लगते हैं, या फिर बालटाल मार्ग से 14 किमी की एकदिवसीय यात्रा करते हैं। इस बार सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
गुफा मंदिर में स्थित प्राकृतिक बर्फ शिवलिंग, जो चंद्रमा के चरणों के अनुसार आकार बदलता है, को भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य सुनाया था। कहा जाता है कि उस क्षण गुफा में दो कबूतर भी मौजूद थे, और आज भी यात्रा काल में उनके दर्शन दुर्लभ रूप से होते हैं।
इस पावन यात्रा में हर दिन भक्ति, अनुशासन और उत्साह का वातावरण बना हुआ है। बाबा बर्फानी के जयघोष से घाटियां गूंज रही हैं और तीर्थयात्रियों में अलौकिक अनुभव की गहरी अनुभूति देखी जा रही है।