मासिक शिवरात्रि: कुंवारी कन्याओं और सुहागिनों के लिए पुण्यदायी व्रत, जानें पूजा विधि और योग
- Post By Admin on Nov 17 2025
नई दिल्ली : कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि इस बार 18 नवंबर को मनाई जाएगी। इस अवसर पर भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करेंगे। विशेष बात यह है कि इस बार मासिक शिवरात्रि आडल योग में पड़ रही है, जिसे ज्योतिषशास्त्र में अशुभ माना जाता है। ऐसे में भक्त विशेष पूजा विधि से शिव-सूर्य उपासना कर दुष्प्रभावों को दूर करने की कामना करेंगे।
द्रिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार को सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:45 से 12:28 तक रहेगा, जबकि राहुकाल दोपहर 2:46 से 4:06 बजे तक रहेगा।
मासिक शिवरात्रि का व्रत सौभाग्य और मनोकामनाओं की पूर्ति का विशेष दिन माना जाता है। मान्यता है कि कुंवारी कन्याएं इस दिन व्रत रखकर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करती हैं और उत्तम वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाएं व्रत रखकर वैवाहिक जीवन में सुख-सौभाग्य बढ़ाने की कामना करती हैं।
शास्त्रों में शिवरात्रि व्रत का उल्लेख देवी लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता और पार्वती सहित कई देवियों द्वारा किए गए व्रत के रूप में मिलता है। श्रद्धालु चाहें तो महाशिवरात्रि से शुरू कर पूरे वर्ष मासिक शिवरात्रि व्रत कर सकते हैं।
कैसे करें मासिक शिवरात्रि की पूजा?
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ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
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चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
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शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें और बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत, फल-फूल अर्पित करें।
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पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का 11 माला जाप करें।
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शिवलिंग के सामने बैठकर राम-राम जपने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष मान्यता के अनुसार, आडल योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सूर्यपुत्र की पूजा करना लाभदायक माना गया है, जिससे ग्रहदोषों का प्रभाव कम होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।