कार्तिक स्नान से होता है रोगों का नाश

  • Post By Admin on Nov 15 2024
कार्तिक स्नान से होता है रोगों का नाश

मुजफ्फरपुर : हिंदू धर्म में कार्तिक मास को अत्यधिक महत्व दिया गया है। वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से यह महीना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। पं. जय किशोर मिश्र ने इस महीने के महत्व को समझाते हुए बताया कि कार्तिक के दौरान चंद्रमा की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं जो अमृत के समान गुणकारी होती हैं।

उन्होंने कहा कि चंद्रमा की इन किरणों से प्रभावित जल में सुबह स्नान करने से व्यक्ति अनेक प्रकार के रोगों से मुक्त हो जाता है और उसका शरीर बलवान और सुंदर बनता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की चांदनी में रखे भोज्य पदार्थ भी पौष्टिक और रोगनाशक हो जाते हैं। यही कारण है कि इस महीने में स्नान, दीपदान, साफ-सफाई और पौष्टिक भोजन का विशेष महत्व है।

कार्तिक स्नान का महत्व:
कार्तिक मास में नदी, तालाब या जलाशयों में स्नान करना शुभ माना गया है। इस दौरान निर्मल वायु और चंद्रमा की किरणें जल को शुद्ध और औषधीय गुणों से भर देती हैं। स्नान से शरीर और मन को ताजगी और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

साफ-सफाई और दीपदान:
कार्तिक मास में ठंड का आगमन होता है। पं. मिश्र ने बताया कि इस समय घर की साफ-सफाई, दीपक जलाने और स्वच्छ वस्त्र पहनने से न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है बल्कि सुख-समृद्धि भी आती है। यदि घर में सफाई और दीपक न हो तो बीमारियां घर कर सकती हैं और लक्ष्मी की कृपा नहीं मिलती।

धार्मिक पक्ष:
शास्त्रों में इस मास में एकादशी व्रत, शरद पूर्णिमा उत्सव और कार्तिक स्नान को विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है। इससे न केवल आध्यात्मिक बल मिलता है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। कार्तिक मास का पालन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। यह मास न केवल भारतीय परंपराओं का प्रतीक है बल्कि इसके पीछे छिपे वैज्ञानिक तथ्यों का भी प्रमाण है।