मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में उमड़े रोजेदार, मुस्लिम संगठनों का दिखा बॉयकॉट का असर

  • Post By Admin on Mar 24 2025
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में उमड़े रोजेदार, मुस्लिम संगठनों का दिखा बॉयकॉट का असर

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार शाम अपने आवास पर भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में रोजेदार शामिल हुए। हालांकि, पार्टी में इस बार कैमरा और मोबाइल ले जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी। सुरक्षा और गोपनीयता के लिहाज से लगाए गए इस प्रतिबंध के बीच इफ्तार में राजनीतिक गलियारों से जुड़े मुस्लिम चेहरे तो नजर आए, लेकिन मुस्लिम धार्मिक संगठनों का पूरी तरह से अभाव दिखा।

बता दें कि राज्य के सात प्रमुख मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने इस इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया था, जिसका असर साफ तौर पर मुख्यमंत्री आवास में दिखा। किसी भी बड़े मुस्लिम धर्मगुरु ने इफ्तार पार्टी में शिरकत नहीं की। हालांकि, जदयू के मुस्लिम नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे और पार्टी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इफ्तार में पूर्व मंत्री मोनजीर हसन भी पहुंचे और उन्होंने नीतीश कुमार की मुस्लिम हितैषी छवि का बचाव करते हुए कहा, "नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए सबसे ज्यादा काम किया है। प्रशांत किशोर का साथ पुरानी बात हो गई। अगर नीतीश कुमार बुलाएंगे, तो मैं फिर जदयू में आ जाऊंगा।"

मुस्लिम संगठनों की नाराजगी की वजह जदयू द्वारा वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करना बताया जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर संगठनों ने इफ्तार का बॉयकॉट किया और मुख्यमंत्री को चुनावी साल में बड़ा झटका दे दिया।

आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने मुस्लिम संगठनों के इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा, "जदयू मुसलमानों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है।" उन्होंने जदयू पर अल्पसंख्यक समुदाय के साथ सिर्फ दिखावटी हमदर्दी जताने का आरोप भी लगाया।इफ्तार पार्टी भले ही भव्य रही हो, लेकिन मुस्लिम धार्मिक संगठनों की गैरमौजूदगी ने इस आयोजन की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। चुनावी साल में अल्पसंख्यक समाज की नाराजगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है ।