राजनीति के माहिर रणनीतिकार से जन सुराज पार्टी के सूत्रधार तक 

  • Post By Admin on Oct 05 2024
राजनीति के माहिर रणनीतिकार से जन सुराज पार्टी के सूत्रधार तक 

पटना  : भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार एवं जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बीते 2 को पटना के वेटेनरी कॉलेज ग्राउंड में अपनी नई राजनीतिक पार्टी 'जन सुराज पार्टी' की औपचारिक घोषणा की। 

प्रशांत किशोर का जन्म 20 मार्च 1977 को बिहार के रोहतास जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बक्सर में पूरी की और उसके बाद संयुक्त राष्ट्र में आठ साल तक काम किया। 2013 में उन्होंने 'सिटीजन्स फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस' नामक एक मीडिया और प्रचार कंपनी बनाई। उन्होंने 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए इनोवेटिव मार्केटिंग कैंपेन तैयार किया था। 'चाय पे चर्चा', 3डी रैलियां और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से  नरेंद्र मोदी की छवि को जनता के बीच मजबूती से रखने का श्रेय प्रशांत किशोर को ही जाता हैं।

2015 में उन्होंने नीतीश कुमार के लिए चुनावी रणनीति तैयार की, जिसमें "नीतीश के निश्चय: विकास की गारंटी" जैसे नारे के साथ, सीएम के सात कमिटमेंट्स को जनता तक पहुंचाया। इसी रणनीति के बलबूते नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव जीता और  फिर जितने के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें  अपना  सलाहकार बनाया था। हालांकि, 2020 में जद (यू) के साथ असहमति के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।

प्रशांत किशोर ने पंजाब, आंध्र प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए भी काम किया। पंजाब में कांग्रेस की 2017 की जीत और दिल्ली में 2020 में आम आदमी पार्टी की भारी जीत उनके कार्यों का प्रमाण है।
 
प्रशांत किशोर को मई 2017 में वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया. उन्होंने रेड्डी के चुनावी अभियानों की एक सीरीज को डिजाइन किया और वाईएसआरसीपी ने 175 सीटों में से 151 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की। 

प्रशांत किशोर को 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी सफल रणनीति ने ममता बनर्जी को 294 सीटों में से 213 सीटों पर भारी जीत दिलाई थी। 

2021 में प्रशांत किशोर DMK प्रमुख एम के स्टालिन के रणनीतिकार थे। उनके मैनेजमेंट में DMK ने चुनाव जीता और स्टालिन पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने ।