ठंड से पौधों का करें बचाव, सिंचाई के साथ ही करें दवा का छिड़काव

  • Post By Admin on Jan 07 2023
ठंड से पौधों का करें बचाव, सिंचाई के साथ ही करें दवा का छिड़काव

लखनऊ : ठंड और कोहरे का असर सिर्फ मनुष्यों पर ही नहीं, फसलों पर पड़ने लगा है। इससे बचाने के लिए किसानों को जल्द उपाय करने चाहिए। विशेषकर आलू, हरी मटर और सब्जियों को इससे बचाने की जरूरत है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो जो भी सिंचित फसलें हैं, उनकी सिंचाई करते रहना चाहिए। वहीं हरी मटर पर दवा छिड़काव के साथ ही खेत के किनारें धुआं करके फसल को बचाया जा सकता है।

ठंड का सितम फसलों पर दिखने लगा है। इससे बचाने की जरूरत है। इस संबंध में कृषि विशेषज्ञ डॉ. मुनीष का कहना है कि पाले से प्रभावित पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित पानी सर्व प्रथम अंतरकोशिकीय स्थान पर इकट्ठा हो जाता है। इस तरह कोशिकाओं में निर्जलीकरण की अवस्था बन जाती है। दूसरी ओर अंतरकोशिकीय स्थान में एकत्र जल जमकर ठोस रूप में परिवर्तित हो जाता है, जिससे कोशिकाएं नष्ट हो जाती है।

डॉ. ए. के सिंह का कहना है पाला पड़ने की आशंका होने पर व्यावसायिक गधंक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें। इस प्रकार इसके छिड़काव से फसल के आसपास के वातावरण में तापमान बढ़ जाता है और तापमान जमाव बिंदु तक नहीं गिर पाता है, इससे पाले से होने वाले नुकसान से फसल को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढकने की सलाह दी जाती है।

वहीं अनीस श्रीवास्तव का कहना है कि पाले से बचाव के लिए खेत के चारों ओर मेड़ पर पेड़-झाड़ियों की बाड़ लगा दी जाती है। इससे शीतलहर द्वारा होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। अगर खेत के चारों ओर मेड़ पर पेड़ों की कतार लगाना संभव न हो तो कम से कम उत्तर-पश्चिम दिशा में जरूर पेड़ की कतार लगानी चाहिये, जो अधिकार इसी दिशा में आने वाली शीतलहर को रोकने का काम करेगी।