ब्रेन बूस्टर हैं अखरोट, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलियां, आयुष मंत्रालय ने गिनाए फायदे
- Post By Admin on Aug 10 2025

नई दिल्ली : तेज रफ्तार और तनाव भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि संतुलित आहार केवल शारीरिक मजबूती ही नहीं देता, बल्कि मानसिक स्फूर्ति और भावनात्मक स्थिरता के लिए भी अनिवार्य है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने हाल ही में ऐसे कुछ खाद्य पदार्थों की सूची जारी की है, जो न केवल दिमागी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से भी बचाव करते हैं।
मंत्रालय के अनुसार, अखरोट को ‘ब्रेन का पावर हाउस’ कहा जाता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क की कोशिकाओं को पोषण देता है, न्यूरॉन्स के बीच संचार को बेहतर बनाता है और याददाश्त को मजबूत करता है। नियमित सेवन से मूड स्थिर रहता है और तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। शोध बताते हैं कि रोजाना मुट्ठी भर अखरोट खाने से दीर्घकालिक मानसिक थकान, चिंता और संज्ञानात्मक गिरावट को रोका जा सकता है।
ब्रोकली को भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए अहम माना गया है। इसे ‘फोलेट का खजाना’ कहा जाता है। फोलिक एसिड (विटामिन B9) की कमी अवसाद, भूलने की बीमारी और एकाग्रता में कमी से जुड़ी होती है। ब्रोकली में मौजूद यह पोषक तत्व मस्तिष्क में ‘फील-गुड’ हार्मोन सेरोटोनिन और डोपामिन के निर्माण को बढ़ावा देता है। इसे सूप, सलाद, सब्जी या स्टीम्ड रूप में शामिल करने से मानसिक ऊर्जा में वृद्धि और मूड में सुधार होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग और चौलाई, प्राकृतिक रूप से मानसिक शांति का आधार मानी जाती हैं। इनमें पाए जाने वाले मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड तनाव के स्तर को घटाते हैं, जबकि फोलेट मानसिक स्थिरता में सहायक होता है। इनके नियमित सेवन से न केवल दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है, बल्कि नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
फलियां—जैसे कि राजमा, चना, मूंग और मसूर—फाइबर, प्रोटीन और ट्रिप्टोफैन से भरपूर होती हैं। ट्रिप्टोफैन शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाकर खुशी और सुकून का एहसास देता है। वहीं फाइबर ब्लड शुगर को स्थिर रखता है, जिससे मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन कम होता है।
आयुष मंत्रालय का कहना है कि इन खाद्य पदार्थों को रोजमर्रा के आहार में शामिल करना एक सरल और प्राकृतिक तरीका है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों में संतुलन कायम रखा जा सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि संतुलित आहार के साथ पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम और मेडिटेशन जैसे अभ्यास अपनाने से मानसिक सुदृढ़ता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।