विश्व होम्योपैथिक दिवस पर डॉ. अरुण ने की होम्योपैथी चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने की अपील
- Post By Admin on Apr 10 2025

बेंगलुरु : विश्वभर में 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथिक दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के बॉमनहल्ली स्थित अरुणोदय होम्योपैथिक सेवा सदन में वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में समारोहपूर्वक इस दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन के चित्र पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ की गई। इस दौरान डॉ. सिंह ने कहा कि डॉ. हैनीमैन ने चिकित्सा विज्ञान को एक नई दिशा दी। 10 अप्रैल 1755 को जर्मनी के मिसेन शहर में जन्मे डॉ. हैनीमैन ने 1796 में होम्योपैथी चिकित्सा की खोज की। यह चिकित्सा पद्धति आज भी अपनी सहजता, किफायती खर्च और बिना साइड इफेक्ट के कारण जनमानस में लोकप्रिय है।"
डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातें रखीं—
- उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा जटिल और पुरानी बीमारियों में अत्यंत कारगर है, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए यह चिकित्सा प्रणाली किसी वरदान से कम नहीं है।
- वर्तमान में होम्योपैथिक शोध पहले की तुलना में कहीं अधिक उन्नत हो चुका है, जहां वैज्ञानिक तरीकों से दवाओं की जांच और प्रभाव का मूल्यांकन किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि "जरूरत है, लोगों को इस चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूक करने की और भरोसा दिलाने की।"
डॉ. सिंह ने कहा कि देशभर में हजारों होम्योपैथिक चिकित्सक बेहद सीमित संसाधनों में जनसेवा में जुटे हुए हैं। यदि सरकार की ओर से बेहतर संसाधन, शोध सुविधा और जनजागरूकता अभियान को बढ़ावा दिया जाए, तो भारत जैसे विशाल देश में सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि "होम्योपैथिक चिकित्सकों को अपने प्रिस्क्रिप्शन पर दवाओं के नाम स्पष्ट रूप से लिखने की आदत डालनी चाहिए, ताकि जनता के बीच पारदर्शिता और विश्वास बना रहे।"
कार्यक्रम में कई चिकित्सक, समाजसेवी और जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें डॉ. रौशन, डॉ. हेमांगी, डॉ. शुधांशु, डॉ. आकांक्षा, डॉ. ब्रजेश, आनंदन, वेंकटेश, शिवा, दिविया, मनीष दुबे, गोपाल कृष्णा रेड्डी, कीर्ति, विपिन कुमार यादव, सुखविंदर सिंह, प्रकाश सिंह, के. आर. सिंह, गीता सिंह, शुधांशु, प्रियंका, प्रकाश सिंह, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य न सिर्फ डॉ. हैनीमैन को श्रद्धांजलि अर्पित करना था, बल्कि आमजन में होम्योपैथी के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके वैज्ञानिक महत्व को रेखांकित करना भी था।
डॉ. अरुण कुमार सिंह ने अंत में सभी चिकित्सकों, नागरिकों और प्रशासन से अपील की कि होम्योपैथी चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने में सहयोग करें, ताकि 'स्वस्थ भारत' का सपना साकार किया जा सके।