मुलेठी बनी विंटर वंडर हर्ब : खांसी से लेकर पिंपल्स तक हर समस्या में दे रही राहत
- Post By Admin on Dec 07 2025
नई दिल्ली : सर्दियों में खांसी, जुकाम और गले की खराश का नाम आते ही सबसे पहले याद आने वाली जड़ी-बूटी मुलेठी एक बार फिर चर्चा में है। आयुर्वेद में यष्टिमधु के नाम से जानी जाने वाली यह सुपर हर्ब न केवल सर्दी-जुकाम में राहत देती है, बल्कि त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए भी बेहतरीन मानी जाती है।
आयुर्वेदाचार्यों और न्यूट्रिशनिस्ट्स के अनुसार मुलेठी का नियमित और नियंत्रित सेवन शरीर को अंदर से शुद्ध करता है और बाहर से त्वचा को नेचुरल ग्लो देता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इसके पानी से मिलने वाले फायदे कई हैं—पिंपल्स कम करना, झाइयां हल्की करना, तनाव और चिड़चिड़ापन घटाना, ऊर्जा बढ़ाना और इम्यूनिटी मजबूत करना इनमें शामिल हैं।
सर्दी-खांसी में यह बलगम साफ कर सांस की नली को आराम देता है। वहीं पाचन संबंधी समस्याओं—एसिडिटी, गैस और अपच—में भी राहत पहुंचाता है।
मुलेठी का पानी बनाना भी बेहद आसान है। एक कप पानी में आधा चम्मच मुलेठी पाउडर या टुकड़े और 3–4 तुलसी की पत्तियां डालकर 5–7 मिनट उबालें। छानकर गुनगुना होने पर इसमें थोड़ा शहद या नींबू मिलाया जा सकता है।
एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि इसे सामान्य दिनों में दिन में एक बार और सर्दी-जुकाम में दो बार लिया जा सकता है, लेकिन लगातार तीन-चार हफ्तों से अधिक इसका सेवन नहीं करना चाहिए। बीच में 10–15 दिन का अंतर ज़रूरी है।
हालांकि, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं, हाई ब्लड प्रेशर, दिल या किडनी मरीजों को इसे डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए। नमक वाली चीजों के साथ इसे न लेने और अत्यधिक मात्रा से बचने की भी चेतावनी दी गई है।
मुलेठी अपनी सरल उपलब्धता, कम कीमत और प्रभाव के कारण आयुर्वेद में सदियों से एक भरोसेमंद विकल्प बनी हुई है।