डार्क सर्कल्स : शरीर की थकान और असंतुलन का संकेत, आयुर्वेद में छिपा है उपाय

  • Post By Admin on Dec 05 2025
डार्क सर्कल्स : शरीर की थकान और असंतुलन का संकेत, आयुर्वेद में छिपा है उपाय

नई दिल्ली : चेहरे की सुंदरता में बाधा बनने वाले डार्क सर्कल्स अक्सर लोगों को बढ़ती उम्र का परिणाम लगते हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार ये केवल त्वचा की समस्या नहीं, बल्कि शरीर की थकान, तनाव और आंतरिक असंतुलन का संकेत भी हैं। जब शरीर थकावट से भर जाता है, तो इसका सीधा असर आंखों के आसपास की नाजुक त्वचा पर दिखाई देता है और काले घेरे उभरने लगते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, डार्क सर्कल्स बनने की प्रमुख वजह शरीर में वात और पित्त दोष का बिगड़ना है। रस धातु की कमी, रक्त की अशुद्धि, कमजोर पाचन तंत्र और तनाव भी इसे बढ़ाने वाले कारक माने जाते हैं। अनियमित दिनचर्या और अस्वस्थ खान-पान से यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

डार्क सर्कल्स का गहरा संबंध शरीर में पानी की कमी से भी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पूरे दिन पर्याप्त पानी पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और त्वचा पर इसका सकारात्मक असर दिखता है। आयुर्वेद मानता है कि पेट साफ न रहने पर भी चेहरे का निखार कम हो जाता है। इसलिए सुबह खाली पेट आंवला रस या आंवला चूर्ण को शहद और गुनगुने पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है, जिससे पाचन सुधरता है और त्वचा पर तेज आता है।

डार्क सर्कल्स को कम करने के लिए बाहरी देखभाल भी उतनी ही जरूरी है। मुलेठी, मंजिष्ठा, गुलाब की पत्तियां और मीठे बादाम के तेल को गर्म कर तैयार किया गया मिश्रण आंखों के आसपास मसाज के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। रात के समय हल्के हाथों से सर्कुलर मोशन में मसाज करने से रक्त संचार बढ़ता है और धीरे-धीरे काले घेरे हल्के पड़ने लगते हैं। इसी तरह देसी घी में दो बूंद गुलाब जल मिलाकर मसाज करना भी आंखों की थकान दूर करता है और झुर्रियों को कम करने में सहायक है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि डार्क सर्कल्स से निपटने के लिए नियमित और पर्याप्त नींद बेहद आवश्यक है। कम नींद और अत्यधिक तनाव से मन, मस्तिष्क और पाचन तंत्र तीनों प्रभावित होते हैं, जिसके दुष्परिणाम चेहरे पर साफ दिखाई देते हैं।