डेंगू से बचाव के लिए सही जानकारी जरूरी, बरसात में बढ़ जाता है खतरा
- Post By Admin on Sep 27 2024

लखीसराय : बरसात के मौसम में डेंगू का खतरा तेजी से बढ़ जाता है, और सही जानकारी के अभाव में यह जानलेवा साबित हो सकता है। लखीसराय जिले में भी डेंगू का खतरा मंडराया हुआ है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि डेंगू एक गंभीर मच्छर जनित बीमारी है, जिसका प्रकोप बारिश के मौसम में अधिक देखा जाता है। यह बीमारी ऐडीज मच्छर के काटने से होती है, जो दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है।
डॉ. राकेश कुमार के अनुसार, डेंगू के शुरुआती लक्षणों में 3 से 7 दिनों तक तेज बुखार, सिर में दर्द, पैरों और जोड़ों में तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द, उल्टी, चक्कर आना, और शरीर पर लाल धब्बे शामिल होते हैं। कुछ मामलों में आंतरिक और बाह्य रक्तस्राव भी हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि डेंगू का कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन उचित चिकित्सकीय देखरेख और प्रबंधन के माध्यम से इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है।
वेक्टर जनित नियंत्रण पदाधिकारी शालिनी कुमारी ने बताया कि डेंगू मुख्यतः तीन प्रकार का होता है – साधारण डेंगू, डेंगू हैमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम। साधारण डेंगू को सही देखभाल और परहेज से ठीक किया जा सकता है, लेकिन डेंगू हैमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम अधिक गंभीर होते हैं, और अगर समय पर इलाज न हो, तो ये जानलेवा साबित हो सकते हैं। इन गंभीर मामलों में रक्तचाप और रक्तस्राव का निरीक्षण करना बहुत जरूरी होता है।
शालिनी कुमारी ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग के अनुसार, केवल 1% डेंगू मामले जानलेवा होते हैं, लेकिन सही प्रबंधन के अभाव में यह दर 50% तक बढ़ सकती है। इसलिए, डेंगू के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के बुखार की दवा लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
डेंगू से बचाव के लिए घर और आसपास साफ-सफाई बनाए रखें और पानी को जमा न होने दें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, बच्चों को फुल आस्तीन की कमीज और फुल पैंट पहनाएं और वाटर कूलर और नल के पास पानी जमा न होने दें।
डेंगू की रोकथाम के लिए सही जानकारी और सावधानी जरूरी है। यदि लोग इन उपायों को अपनाएं, तो डेंगू के खतरों से बचा जा सकता है।