जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट में साइबर सुरक्षा पर विशेष सत्र, आईपीएस प्रीति यादव ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
- Post By Admin on Dec 19 2024

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा स्थित जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (जीआईएमएस) ने “साइबर सुरक्षा के विकसित प्रतिमानों” पर एक महत्वपूर्ण व्यावहारिक सत्र आयोजित किया। इस सत्र का उद्देश्य भविष्य के प्रबंधन पेशेवरों को आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा के महत्व और उसकी चुनौतियों के बारे में गहरी जानकारी देना था।
आईपीएस प्रीति यादव ने किया मार्गदर्शन
इस सत्र की मुख्य वक्ता गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट की डीसीपी साइबर क्राइम, आईपीएस प्रीति यादव थीं। कानून प्रवर्तन और साइबर अपराध की रोकथाम में गहरा अनुभव रखने वाली आईपीएस प्रीति यादव ने इस सत्र में अपनी विशेषज्ञता और वास्तविक दुनिया के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे साइबर अपराधों की वृद्धि के साथ साइबर सुरक्षा के महत्व को समझना और उसे लागू करना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत और प्रमुख हस्तियां
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। जिसमें संस्था के सीईओ स्वदेश कुमार सिंह, निदेशक डॉ. भूपेंद्र सोम, कार्यकारी निदेशक डॉ. रुचि रयात और संस्थान के समस्त शिक्षकगण उपस्थित थे। इसके अलावा सत्र में पीजीडीएम प्रथम वर्ष के 450 से अधिक विद्यार्थियों ने भी भाग लिया।
साइबर सुरक्षा पर चर्चा
आईपीएस प्रीति यादव ने विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में होने वाली चुनौतियों और समाधान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज के समय में साइबर अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है और इसे नियंत्रित करने के लिए सही तकनीकी ज्ञान और जागरूकता आवश्यक है। विशेष रूप से युवा पेशेवरों को साइबर सुरक्षा के मामलों में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे अपने कार्यस्थलों और व्यक्तिगत जीवन में सुरक्षित रह सकें।
विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल जानकारी
सत्र में साइबर अपराधों से निपटने के लिए नए उपायों और कानूनों पर भी चर्चा की गई। प्रीति यादव ने बताया कि कैसे कानून प्रवर्तन एजेंसियां और तकनीकी संस्थान मिलकर साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने साइबर अपराधों के विभिन्न प्रकारों जैसे हैकिंग, डेटा चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी आदि पर भी विस्तृत जानकारी दी।
यह कार्यक्रम जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों के लिए एक अनूठा अवसर था। जिसमें उन्होंने साइबर सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी और जागरूकता को बढ़ाने के लिए जरूरी ज्ञान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. भूपेंद्र सोम ने धन्यवाद ज्ञापित किया और इस तरह के सत्रों को भविष्य में भी जारी रखने की बात की।
यह सत्र न केवल साइबर सुरक्षा के महत्व को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर था बल्कि यह युवाओं को इस क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करने का भी एक प्रयास था।