नाट्य शिक्षक बहाली को लेकर रंगकर्मियों का एक दिवसीय धरना
- Post By Admin on Jun 25 2024

पटना : प्रेमचंद रंगशाला, पटना में मंगलवार को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बिहार के विभिन्न जिलों के रंगकर्मियों ने "नाट्य शिक्षक की बहाली" को लेकर एक दिवसीय धरना आयोजित किया। इस धरने का उद्देश्य सरकार और कला संस्कृति विभाग का ध्यान नाट्य विधा को माध्यमिक शिक्षण पात्रता परीक्षा (STET) में शामिल कराने की मांग पर केंद्रित करना था।
मुजफ्फरपुर से आए राजेश कुमार ने बताया कि STET में नाटक विषय को शामिल नहीं किया गया है, जबकि नृत्य, संगीत, और ललित कला जैसे विषयों को प्राथमिकता दी गई है। "नई शिक्षा नीति में नाट्य विधा को स्थान दिया गया है, लेकिन बिहार सरकार अभी तक नाट्यशास्त्र के कलाकारों की भर्ती नहीं कर रही है,"
शिवहर के नितेश अस्थाना ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, "बिहार सरकार अन्य कलाओं के शिक्षकों की भर्ती कर रही है, परंतु पंचम वेद नाट्यशास्त्र के कलाकारों की अनदेखी हो रही है।"
पंडारक की आरती कुमारी ने अपनी स्थिति साझा करते हुए कहा, "मैं ग्रामीण इलाके से हूं और नाटक करने पर समाज मुझे भाड़ या नौटंकीबाज कहता है। मैंने नाट्यशास्त्र से स्नातकोत्तर और मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय से डिप्लोमा किया है, फिर भी समाज मुझे सम्मान की नजर से नहीं देखता। यदि सरकार नाट्य विधा को रोजगार से जोड़ देगी तो समाज की दृष्टि बदल सकती है।"
धरने में मौजूद सभी रंगकर्मियों ने एक स्वर में कहा कि बिहार सरकार को STET में नाटक विषय को शामिल करना चाहिए और BPSC के माध्यम से हमारे लिए नौकरी का रास्ता खोलना चाहिए। "अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो हम इससे बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे," उन्होंने चेतावनी दी।
धरने में प्रमुख रूप से शामिल थे: अमलेश आनंद, समीर चंद्रा, कुमार गौरव, गौतम गुलाल, कृष्णा कुमार, राहुल कुमार राज, रजनीश पांडे, दीपा दीक्षित, कृष्ण देव, बलराम कुमार, रोशन कुमार, उत्तम कुमार, आरती शर्मा, राहुल रंजन, मो जहांगीर, विनय चौहान, आदिल राशिद और अन्य।
नाट्य शिक्षक बहाली की मांग के साथ कहा गया कि माध्यमिक शिक्षण पात्रता परीक्षा (STET) में नाटक विषय को शामिल किया जाए। रोजगार से जोड़कर नाट्य विधा को समाज में उचित सम्मान दिलाया जाए। इस धरने के माध्यम से रंगकर्मियों ने सरकार को अपनी मांगों की ओर ध्यान देने और नाट्य विधा को उचित मान्यता देने का आह्वान किया। धरना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, लेकिन कलाकारों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं।