युवा सशक्तिकरण को लेकर सेमिनार में IPS विकास वैभव ने दिया सफलता का मंत्र

  • Post By Admin on Jul 13 2023
युवा सशक्तिकरण को लेकर सेमिनार में IPS विकास वैभव ने दिया सफलता का मंत्र

ग्रेटर नोएडा : जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान (जीआईएमएस), ग्रेटर नोएडा, में युवा सशक्तिकरण और उत्थान के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया गया है। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य छात्रों में भविष्य निर्माण और राष्ट्र निर्माण के लिए योगदान और उचित मार्गदर्शन प्रदान करना है। श्री विकास वैभव आईपीएस बिहार कैडर इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता रहे हैं।

संस्थान के सीईओ श्री स्वदेश कुमार सिंह जी ने अतिथि महोदय का स्वागत किया और संस्थान के निदेशक डॉक्टर भूपेंद्र कुमार सोम जी ने उन्हें अंग वस्त्र भेंट की। निदेशक महोदय ने अपने उद्घाटन भाषण में संस्थान की प्रबंधन समिति और आज के अतिथि श्री विकास वैभव जी का स्वागत किया और संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की।

संस्थान के सीईओ श्री स्वदेश जी ने इस अनूठी पहल के लिए श्री विकास वैभव जी की प्रशंसा की और आग्रह किया कि भविष्य में भी संस्थान में इस तरीके के संबोधन के एक श्रृंखला को उनके सहयोग से निरंतर आयोजित किया जाए। आज के मुख्य वक्ता श्री विकास वैभव जी ने अपने प्रारंभिक विचारों के साथ छात्रों से उनके लक्ष्य और उन्हें प्राप्त करने के प्रयासों पर प्रश्न पूछे। छात्रों द्वारा मिले उत्तरों से उन्होंने अपनी संगोष्ठी की शुरुआत की और छात्रों के साथ साझा किया कि जैसे एक कलाकार अपनी कला की छाया चित्रित करता है और फिर उसी छायाचित्र को वह पूर्णता में प्रस्तुत करता है, वैसे ही आज के युवाओं को भी सर्वप्रथम लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और लक्ष्य प्राप्ति के लिए संगठनात्मक तरीके से विचार करना चाहिए। उन्होंने धर्म शास्त्र, उपनिषद और स्मृतियों में उदाहरणों के माध्यम से छात्रों का मनोबल बढ़ाया और उन्हें भविष्य निर्माण के लिए विचारों से प्रेरित किया।

उन्होंने भारत के गौरवशाली इतिहास को परिलक्षित करने वाली विभिन्न मनुस्मृति, कहानियां और परिस्थितियों पर चर्चा की और छात्रों को उनके परिचय में लाया। उन्होंने इस भारतीय भूमि के स्वर्णिम इतिहास और उसमें मौजूद गौरवशाली कथाओं के माध्यम से छात्रों को जीवन निर्माण और पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण की परिभाषा प्रस्तुत की। उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन से लेकर बाल्यावस्था, किशोरावस्था और तत्कालीन परिवेश में अपने कार्य क्षेत्र से जुड़े विभिन्न प्रेरणादायक स्मृतियों को साझा किया। उनका एकमात्र उद्देश्य था कि बाधाएं मनुष्य को उसके लक्ष्य की प्राप्ति में कभी बाधक नहीं बन सकतीं हैं, अगर मन का विश्वास दृढ़ है। उन्होंने बाधाओं को सकारात्मक तरीके से देखने की प्रेरणा दी और उन पर क्रियाशील होकर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा दी।