20 साल पुरानी हत्या में दो दोषियों को आजीवन कारावास

  • Post By Admin on Sep 17 2024
20 साल पुरानी हत्या में दो दोषियों को आजीवन कारावास

यूपी : महराजगंज में जमीन संबंधी विवाद में 20 साल पुरानी हत्या के मामले में दो दोषियों को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है। यह मामला 2004 का है, जब पीड़ित की हत्या की गई थी। कोर्ट ने इस मामले में दोषी ठहराए गए दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और ₹25,000-₹25,000 का जुर्माना लगाया है। अपर जिला शासकीय संतोष मिश्रा के मुताबिक, जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोनों को 6-6 महीने अतिरिक्त सज़ा भुगतनी होगी। 

सदर कोतवाली क्षेत्र के बरदगवा निवासी अमरनाथ यादव ने चौक पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके नाना की दो शादी हुई थी। उसके मामा नाना की दूसरी पत्नी के संतान थे। अभियुक्त पहली पत्नी के बेटे हैं। नानी ने अपनी जायदाद का कुछ हिस्सा रामनाथ के बेटे के नाम कर दी थी। इसी बात को लेकर आरोपित खुन्नस खाए थे।

25 जून 2004 को उसके मामा रामनाथ यादव पुत्र गया यादव निवासी बेलभरिया की आरोपितों ने फरसा, गड़ासा व लाठी से मारपीट कर हत्या कर दिया। इस मामले में चौक पुलिस तहरीर के आधार पर आरोपितों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज की। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। विचारण के दौरान एडीजीसी संतोष कुमार मिश्र ने गवाहों की गवाही कराई।

पत्रावली में दर्ज साक्ष्य के आधार पर सजा की मांग किया। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त कपिलदेव पुत्र जगरनाथ यादव व सुरेश पुत्र जगरनाथ यादव निवासी बेलभरिया थाना चौक को दोषी करार देते हुए उनके खिलाफ उम्रकैद  की सजा  सुनाया।

25 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया। आपरेशन कन्विक्शन के तहत कोर्ट मोहर्रिर हेड कांस्टेबल भगवान राम व पैरोकार हेड कांस्टेबल मो. उमर ने अभियोजन विभाग से समन्वय बनाकर सजा दिलाने में प्रभावी पैरवी किया।

अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों दोषियों की अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें कठोर दंड दिया गया है। 

इस मामले में पीड़ित के परिवार ने अदालत से न्याय की अपील की थी, और कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोषियों को सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने मामले को साबित करने के लिए कई महत्वपूर्ण साक्ष्य पेश किए, जिसके आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया।

इस फैसले के बाद, दोषियों को सजा के रूप में कारावास के साथ-साथ आर्थिक दंड भी भुगतना करना पड़ेगा।