लाल किले में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, दिल्ली पुलिस ने पांच बांग्लादेशी नागरिकों को किया गिरफ्तार
- Post By Admin on Aug 05 2025

नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले लाल किले की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने वाली एक घटना सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ऐतिहासिक लाल किले में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। यह घटना उस वक्त हुई जब राजधानी में 15 अगस्त को लेकर अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए पांचों युवक 20 से 25 वर्ष की उम्र के हैं और अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। सभी दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी का कार्य कर रहे थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे पर्यटक के तौर पर लाल किला देखने आए थे, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि सुरक्षा कारणों से लाल किला 15 जुलाई से आम लोगों के लिए बंद है।
सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से बड़ी चूक टली
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "प्रवेश नियंत्रण बिंदु पर तैनात सतर्क कर्मियों ने पांचों युवकों को बिना वैध प्रवेश पास के संदिग्ध अवस्था में देखा और तत्काल उन्हें रोका। पूछताछ करने पर उनके पास से बांग्लादेशी पहचान संबंधी दस्तावेज बरामद हुए।"
हालांकि शुरुआती जांच में इनके इरादों में कोई आपराधिक साजिश नहीं पाई गई है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इन्हें विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत हिरासत में लेकर निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
15 अगस्त को लेकर राजधानी में अलर्ट मोड
यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में हाई अलर्ट जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जिसे लेकर दिल्ली पुलिस, सुरक्षा एजेंसियां और खुफिया विभाग पूरी तरह मुस्तैद हैं।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसबीके सिंह की ओर से 16 अगस्त तक यूएवी, ड्रोन, पैरामोटर, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, हॉट एयर बैलून, क्वाडकॉप्टर और किसी भी प्रकार के उड़न उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया गया है। राजधानी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं और संवेदनशील इलाकों में गहन तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से मिली राहत
पांच बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी को सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया और सतर्कता का नतीजा माना जा रहा है। हालांकि इस घटना ने यह संकेत भी दिया है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर किसी भी प्रकार की ढिलाई गंभीर परिणाम दे सकती है।