बेटी के जन्म पर हर्षोल्लास, बड़ी होने पर पिता करवाता देह व्यापार

  • Post By Admin on Mar 19 2018
बेटी के जन्म पर हर्षोल्लास, बड़ी होने पर पिता करवाता देह व्यापार

मध्यप्रदेश : जी हाँ ! चौंकिए मत हकीकत यही है मध्यप्रदेश में स्थित मालवा इलाका के कुछ जिलों में निवास करने वाले बांछड़ा समुदाय की लड़की को जिस्मफरोशी के दलदल में धकेला जाता है | और यह घृणित कार्य उसके अपने जन्मदाता के द्वारा ही किया जाता है | इनके माता- पिता ही खुद इनके लिए ग्राहक खोज कर लाते है | अभी वहाँ हाल में ही एक मामला सामने आया जिस से पता चला की बांछड़ा समुदाय के लोग दूसरे समुदाय से लड़कियों को खरीद कर इस धंधे में अपने पैसे अर्जन के लिए उतर रहे है | एक वकील ने इन बातों को गंभीरता पूर्वक लेते हुए लड़कियों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध सरकार से न्याय की मांग की है |

शाम में तबले व पायल की आवाज के साथ लग जाती है देहव्यापार की मंडिया

बांछड़ा समुदाय में ये सामाजिक मान्यताएं है कि बेटी को जिस्मफरोशी करनी ही पड़ेगी | इस समुदाय में लड़की का जन्म लेना सौभाग्य व लड़के का जन्म होना दुर्भाग्य माना जाता है | मालवा से सटे लगभग 50 गांव में जिस्मफरोशी की लगभग 300 मंडिया है | जहाँ घर वाले के द्वारा ही अपनी बेटी के जिस्म का सौदा किया जाता है |

जिस बेटी के ज्यादा ग्राहक वो माँ- बाप की सबसे दुलारी

माँ-बाप खुद ग्राहक खोज कर लाते है व अपनी सारी बेटियां दिखाते है | ग्राहक को लड़की पसंद आने पर सौदा होता है | जिस लड़की के सबसे ज्यादा ग्राहक होते है उससे माँ-बाप उतने ज्यादा खुश होते है |अपनी ही बेटी के जिस्म का सौदा कर जन्मदाता खुश होते है कि ग्राहक तो आया |

यहाँ के अधिकांश लड़के कुंवारे

इस समुदाय में लड़के का जन्म होना ही दुर्भाग्य है यहाँ लड़के की शादी करने के लिए पुरे जिस्म को जिंदगी भर के लिए खरीदने की रकम अदा करनी पड़ती है | वो भी थोड़ी नहीं 15 से 20 लाख में बिकती है पूरी जिंदगी के लिए जिस्म | इस समुदाय में ज्यादा बेटी के जन्म का मतलब है ज्यादा खुशियाँ ज्यादा पैसे |

पुरुषों की अपेक्षा महिला की संख्या दुगुनी

यहाँ 1000 पुरुषों पर लगभग 2000 महिलाएं है | यहाँ के गांव की ज्यादातर युवतियां व महिलाएं जिस्मफरोशी की धंधे में संलिप्त है | दूसरे समुदाय की लड़कियां भी इस धंधे में ज्यादा संख्या में संलिप्त है | मालवा के पुलिस के अनुसार लगभग 100 ऐसे मामले उजागर हुए है जिसमें लड़कियों को दूसरे समुदाय से खरीद कर वेश्यावृति के दलदल में धकेला गया है |

पति खोजकर लाता ग्राहक

प्रेमनगर और धर्मशाला में बसे पेरना समुदाय में नवविवाहित दंपति को भी इस व्यापर से जुड़ना पड़ता है और महिला के लिए उसका पति ही ग्राहक खोज कर लाता है व जिस्मानी खेल शुरू होता है | इस समुदाय में भी लड़कियों को शादी के नाम पर बेच दिया जाता है | ससुराल वाले के लिए भी वो लड़कियां देहव्यापार निमित ही होती है | देहव्यापार करने वाली एक युवती ने बताया की वह ज्यादा पैसे कमाने के लिए यह धंधा करती है | एक दिन में 5 – 6 ग्राहक के साथ वह हमबिस्तर होती है |