स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धि: पीएम मोदी ने किया ट्रेकोमा फ्री इंडिया का उल्लेख, WHO ने भी की पुष्टि
- Post By Admin on Jul 21 2025

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश के आरोग्य क्षेत्र की प्रगति पर गर्व जताते हुए भारत को "ट्रेकोमा फ्री" घोषित किए जाने को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। मानसून सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पुष्टि की है कि भारत ने आंख की गंभीर बीमारी ट्रेकोमा से खुद को पूरी तरह मुक्त कर लिया है।
प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि को भारत के स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों और जागरूक नागरिकों की संयुक्त मेहनत का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, "स्वच्छता और जन-भागीदारी की भावना ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाई दी है। ट्रेकोमा से मुक्ति इसका जीता-जागता उदाहरण है।" इससे पहले भी 29 जून को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में उन्होंने इस मुद्दे को विस्तार से उठाया था।
क्या है ट्रेकोमा?
ट्रेकोमा एक संक्रामक नेत्र रोग है, जो मुख्यतः गंदगी, साफ-सफाई की कमी और बैक्टीरियल संक्रमण (क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस) के कारण फैलता है। यह बीमारी विशेषकर बच्चों को अधिक प्रभावित करती है और समय पर इलाज न होने पर अंधेपन का कारण भी बन सकती है।
भारत में कैसे हुआ ट्रेकोमा पर नियंत्रण?
1971 में भारत में अंधेपन के 5% से अधिक मामलों के लिए ट्रेकोमा को जिम्मेदार माना गया था। इसके बाद सरकार ने डब्ल्यूएचओ के सहयोग से इस बीमारी के उन्मूलन के लिए संगठित प्रयास शुरू किए।
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नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस जैसी योजनाओं ने इसे रोकने में अहम भूमिका निभाई।
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स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं ने स्वच्छता और पेयजल की पहुंच को बढ़ाकर इस बीमारी की जड़ पर वार किया।
WHO की मुहर
WHO ने भारत को "ट्रेकोमा फ्री" घोषित करते हुए इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। यह न सिर्फ भारत की स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती का प्रमाण है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी देश की प्रतिष्ठा को मजबूती देने वाला कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ट्रेकोमा मुक्त भारत का जिक्र न केवल एक चिकित्सा उपलब्धि की ओर इशारा करता है, बल्कि यह बताता है कि भारत स्वास्थ्य, स्वच्छता और जन-जागरूकता के क्षेत्र में संगठित प्रयासों से वैश्विक उदाहरण बनता जा रहा है। ट्रेकोमा से मिली यह जीत भविष्य में अन्य संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए भी देश को प्रेरणा देगी।